Parenting Advice: माता-पिता बच्चे के भविष्य को बनाने और बिगाड़ने दोनों काम करते हैं. कई बार जाने-अनजाने में बच्चे को माता-पिता बहुत कुछ कह देते हैं. इससे बच्चे के मन पर असर पड़ सकता है. अगर बच्चा स्कूल में अच्छा परफॉर्म नहीं करता है या फिर वो किसी काम या खेल में अच्छा नहीं है तो उसकी निंदा करने के बजाए या दूसरे बच्चों से उसे कंपेयर (Comparison) करने के बजाय बच्चे को प्यार से समझाया जा सकता है. बच्चे से कोई गलती हो जाए तो तब भी उसके साथ कठोर व्यवहार करने के बजाय उसे प्रोत्साहित करने के दूसरे तरीके आजमाए जा सकते हैं. कई बार माता-पिता (Parents) के ये छोटे-मोटे काम ही बच्चे के लिए उम्रभर की सीख बन जाते हैं.
माता-पिता के ये 5 काम बिगाड़ देते हैं बच्चे की आदतें, बाद में पड़ जाता है पछताना
माता-पिता को बच्चे को देनी चाहिए ये सीख
सिखाएं समय की कद्रबच्चे अक्सर ही अपने समय की कद्र नहीं करते हैं जिससे ना उनका होमवर्क कभी पूरा रहता है, ना वे कुछ सीख पाते हैं और ना ही समय पर सोते या जागते हैं. माता-पिता को बच्चे को समय की कद्र करना सिखानी चाहिए जिससे बच्चा टाइम मैनेजमेंट (Time Management) करना सीख सके. कब खाना है, कितनी देर खेलना है, किस समय पढ़ाई करनी है इसका जिम्मा बच्चे को दें और देखें कि वह किस तरह टाइम मैनेजमेंट समझता है और करता है.
बच्चे कई बार समझ नहीं पाते कि वो जो कुछ काम कर रहे हैं वो सही है या नहीं. इससे वे हमेशा ही उलझन की स्थिति में और डरे-डरे रहते हैं. ऐसे में माता-पिता को बच्चे को प्रोत्साहन देना चाहिए. जब बच्चे कुछ काम करते हैं तो पैरेंट्स का उन्हें बताना कि वह बिल्कुल सही कर रहे हैं, बच्चे में उत्साह भर देता है. बच्चे बेहतरी की ओर बढ़ने लगते हैं.
बच्चे की कमजोरियों को उजागर करते रहने के बजाय उसकी स्ट्रेंथ पर ध्यान दें. बच्चा (Child) जिस काम में अच्छा है उसे उसी काम में कुद को निपुण करने के लिए कहें. बच्चे जिस काम में अच्छे होते हैं उसे पूरी लगन के साथ करते भी हैं.
माता-पिता के लिए यह समझना जरूरी है कि हर बच्चा अलग है. बच्चे की पर्सनल ग्रोथ (Personal Growth) पर ध्यान दिया जाए तो बच्चा अपने आप को और बेहतर कर सकेगा. माता-पिता बच्चे की पर्सनल ग्रोथ के लिए उसे उसकी पसंद की किताबें दिला सकते हैं, नाटक वगैरह दिखाने ले जा सकते हैं या फिर उसकी कम्यूनिकेश स्किल्स बेहतर करवाने के लिए कोई क्लास या वर्कशॉप में भेज सकते हैं.
माता-पिता और बच्चे आपस में अपनी बात साझा कर सकें यह बेहद जरूरी है. पैरेंट्स को बच्चे को वो कंफर्ट जोन देना चाहिए जिसमें बच्चे अपने मन की बात अपने पैरेंट्स से साफ-साफ कह सकें. यह आपसी रिश्ते के लिए भी अच्छा साबित होता है और बच्चे भी अपने माता-पिता को बेहतर तरह से समझ पाते हैं.