रसोई को खजाने का पिटारा यूं ही नहीं कहा जाता. रसोई में एक नहीं बल्कि ऐसे कई मसाले हैं जो सेहत को अनेक फायदे देते हैं इन मसालों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से लेकर एंटी-ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है. वहीं, इन मसालों (Spices) के औषधीय गुण देखते हुए इन्हें आयुर्वेदिक औषधी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी से लेकर सौंफ और इलायची तक शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. लेकिन, किस स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत (Health Problem) में कौनसे मसाले का सेवन करना है इसे लेकर उलझन होने लगती है. ऐसे में न्यूट्रिशनिस्ट चितवन गर्ग का इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया गया वीडियो आपके काम आ सकता है.
किस दिक्कत में पिएं कौनसा पानी
बेहतर पाचन के लिए अजवाइन - सुबह खाली पेट अजवाइन का पानी (Ajwain Water) पीने पर शरीर को कई पोषक तत्व मिलते हैं. इससे शरीर में जमे टॉक्सिंस निकल जाते हैं और पाचन को बेहतर होने में मदद मिलती है. इससे गैस और एसिडिटी की दिक्कत कम होती है.
कब्ज के लिए मुनक्का - पानी में मुनक्का डालकर पीने पर कब्ज से राहत मिल सकती है. मुनक्का फाइबर का अच्छा स्त्रोत होता है जो मल में भार लाता है. इसके सेवन से मलत्याग करना आसान हो जाता है और कब्ज (Constipation) से राहत मिलती है.
इंसुलिन रेसिस्टेंस के लिए दालचीनी - पानी में दालचीनी पाउडर डालकर पीने पर शरीर को एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी मिलते हैं. न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार दालचीनी का पानी पीने पर इंसुलिन रेसिस्टेंस में मदद मिलती है.
थायराइड के लिए धनिया के दाने - धनिया के बीजों (Coriander Seeds) से शरीर को कई फायदे मिलते हैं जिनमें थायराइड भी शामिल है. मेथी के दानों में ए, सी, के और फोलेट होता है और साथ ही कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो थायराइड के साथ-साथ वजन कम करने में भी असरदार होते हैं.
PCOS के लिए मेथी के दाने - PCOS की समस्या में मेथी के दानों (Fenugreek Seeds) का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है. मेथी के सेवन से मेंस्ट्रुअल साइकिल ठीक होने में मदद मिलती है और पीरियड्स रेग्यूलर हो जाते हैं.
इंफ्लेमेशन और बदन दर्द के लिए हल्दी - सेहत और त्वचा दोनों को ही हल्दी से कई फायदे मिलते हैं. हल्दी औषधीय गुणों से भरपूर होती है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो शरीर में होने वाले दर्द और सूजन की दिक्कत को दूर करते हैं.
दिल की सेहत के लिए काली इलाइची - काली इलायची एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है. इस इलायची का पानी पीने पर इम्यूनिटी मजबूत होती है और बैक्टीरियल इंफेक्शंस दूर होते हैं. दिल की सेहत बेहतर करने में भी काली इलायची के पानी का असर देखा जाता है. इस इलायची के पानी से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में आता है और हार्ट हेल्थ अच्छी रहती है.
फैटी लिवर और मेटाबॉलिज्म के लिए अदरक - खानपान में यूं तो अदरक (Ginger) को खूब शामिल किया जाता है और इसके बिना चाय का तो स्वाद ही नहीं आता, लेकिन सेहत को भी अदरक के कई फायदे मिलते हैं. अदरक के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण फैटी लिवर की दिक्कत को कम करने और मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करने में काम आते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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