Exam Revision Tips: परीक्षा सिर पर आने के बाद मन में एक डर पैदा होने लगता है कि एग्जाम (Exam) कैसा जाएगा. फेल होने का सबसे ज्यादा डर पढ़ने वाले बच्चों में होता है. यह डर उस वक्त भी बना रहता है, जब आप सब कुछ पढ़ने के बाद भी आशंका में रहते हैं. इस डर से छुटकारा पाने के लिए सबसे बेस्ट तरीका होता है अच्छे से रिवीजन (Revision) करना. एग्जाम के दिनों में रिवीजन अच्छा नहीं होता है, तो परीक्षा में लिखना कठिन हो जाता है. रिवीजन का मतलब सिर्फ पन्ने पलटना नहीं होता है. इसलिए हम आपको बताएंगे रिवीजन करने का सही तरीका (Best Way to Revise) क्या है और इसके क्या फायदे हैं.
रिवाइज करने की निंजा टेक्निक
रिवीजन की शुरुआत करने से पहले रिवीजन का टाइम और सिलेबस का पैटर्न तैयार कर लें. याद रहे कि सिर्फ नोट्स पर ही निर्भर न रहें. पुराने पेपर्स भी निकालें और फिर उन्हें टाइम टू टाइम पढ़ें. इससे विषय को समझने में आसानी होगी.
घर जाकर जरूर करें रिवाइज
स्कूल या कोचिंग में जितनी भी देर भी आप पढ़ते हैं. घर जाने के बाद उन विषयों को रिवाइज करने के लिए उचित समय दें. इससे आपके पढ़ने के घंटे जरूर बढ़ेंगे, लेकिन जो भी आप पढ़ेंगे, उसे जिंदगी भर भुला नहीं पाएंगे.
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कैसे करना है रिवाइज ?
- मान लो आपने, पहले दिन 2 से 4 घंटे की क्लास ली है, तो आपको घर जाकर उसी दिन उस सब्जेक्ट को रिवाइज करना है, जिसमें आपको सिर्फ 30 मिनट का समय लगेगा और इससे आपको सब्जेक्ट को अच्छे से समझने में आसानी होगी.
- अगले दिन जब आप फिर 2 से 4 घंटे की क्लास लेंगे, तो आपको उसी दिन घर जाकर उस सब्जेक्ट को 45 मिनट तक रिवाइज करना है.
- तीसरे दिन भी जब इतने ही घंटे की पढ़ाई करेंगे, तो ऐसे करते-करते आपको एक हफ्ते में वो विषय दिमाग में पूरी तरह से छप जाएगा. याद रहें कि रट्टे नहीं लगाने हैं, सब्जेक्ट को गहराई से समझना है.
रिवीजन करने के फायदे
रिवीजन करने के फायदे ये होते हैं कि इससे सब्जेक्ट पर आपकी पकड़ मजबूत हो जाती है और सब्जेक्ट से रिलेटेड अन्य चैप्टर आसानी से समझ आ जाते हैं.
कई बार होता है कि आसान से सवालों का रिवीजन ना करने पर भी वो एग्जाम में छूट जाते हैं, जिससे मार्क्स पर असर पड़ता है, इसलिए याद रहे ना सिर्फ कठिन बल्कि आसान सवालों को भी रिवाइज करते रहें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.