National Pollution Control Day 2024: आज है राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस, जानिए इस दिन का इतिहास और पॉल्यूशन से बचने के तरीकों के बारे में

National Pollution Control Day History: हर साल 2 दिसंबर के दिन राष्ट्रीय प्रदूषण कंट्रोल दिवस मनाया जाता है. इस दिन को उन लोगों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाई थी.

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National Pollution Control Day Significance: इस दिन को मनाने का मकसद प्रदूषण रोकने के प्रति जागरूकता फैलाना भी है.

National Pollution Control Day 2024: साल 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) में जान गंवाने वाले लोगों की याद में हर साल भारत राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाता है. इस दिन को मनाने का मकसद प्रदूषण नियंत्रण को लेकर लोगों को जागरूक करना है और स्वस्थ वातावरण के प्रति लोगों को सजग करना भी है. आज ही के दिन 1984 में भोपाल की यूनियन कर्बाइड फैक्ट्री से निकली जहरीली गैस ने हजारों लोगों की जान ली थी. इस गैस के प्रभाव से आने वाले कई सालों तक लोगों को श्वसन और त्वचा संबंधी अनेक दिक्कतों से दोचार होना पड़ा था. इस जहरीली गैस ने पर्यावरण (Environment) को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाया था जिससे वायू प्रदूषण और जल प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया था. ऐसे में भविष्य में इस तरह की त्रासदी ना हो यह सुनिश्चित करने की तरफ कदम उठाए गए थे. वर्तमान में भी यही कोशिश की जाती कि पर्यावरण को दूषित होने से रोका जा सके. दिल्ली का हाल ही इस बात की गवाही देता है कि प्रदूषण लोगों की जान के लिए कितना खतरनाक होता है और क्यों इसे रोकने पर जोर देना आवश्यक है. 

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किस तरह रोका जा सकता है प्रदूषण | How To Reduce Pollution 

नैशनल हेल्थ पोर्टल ऑफ इंडिया के अनुसार, हर साल तकरीबन 70 लाख लोगों को वायू प्रदूषण के चलते अपनी जान गंवानी पड़ती है. ऐसे में वायू प्रदूषण को कम करने के लिए अपने स्तर पर कुछ कदम उठाए जा सकते हैं. 

  1. रोजाना कार से ट्रैवल करने के बजाय सार्वजनिक वाहन जैसे बस या मैट्रो से सफर किया जा सकता है. इससे वायू प्रदूषण (Air Pollution) कम होने में मदद मिलती है. 
  2. अपने आस-पास पौधे लगाए जा सकते हैं. शुरुआत अपने घर से करें. घर के पास खाली जगहों पर भी पौधे लगाने की पहल की जा सकती है. 
  3. मोटर ऑयल या केमिकल वाले लिक्विड पानी में डालने से परहेज करें. जिस कूड़े को रिसाइकिल किया जा सकता है उसे रिसाइकिल करें और जिसे खाद बनाया जा सकता है उसे पौधों में डालें. 
  4. दिवाली और दशहरा जैसे त्योहारों पर पटाखे जलाने से परहेज करें. दिवाली के तुरंत बाद दिल्ली की हवा के जहरीले हो जाने की बड़ी वजह पटाखों से निकलने वाला धुआं है. 
  5. बच्चों को छोटी उम्र से ही पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाएं. अपने आस-पास की जगह कैसे साफ रखी जा सकती है और किस तरह कूड़ा-कचरा ना फैलाया जाए यह चीजें बच्चों को सिखाया जाना जरूरी है. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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