- सर्दियों में ठंडे पानी से नहाने से पहले नाभि पर पानी डालने से शरीर तापमान के बदलाव के लिए तैयार होता है
- नाभि पर पानी डालने से वेगस तंत्रिका सक्रिय होकर तनाव और घबराहट को कम करने में मदद करता है
- नहाने की शुरुआत हमेशा पैरों या टखनों से करनी चाहिए ताकि शरीर को तापमान के अनुकूल होने का मौका मिले
Bathing Tips: सर्दियों के मौसम में सुबह-सुबह नहाना बहुत ही कठिन काम लगता है. सर्दी में अक्सर लोग गर्म पानी से या फिर थोड़ी देरी से नहाते हैं. दरअसल, सर्दी के मौसम में कुछ लोगों के लिए नहाना काफी मुश्किल टास्क बन जाता है, क्योंकि ठंड बहुत होती है और फिर पानी भी ठंडा रहता है, तो लोगों का मन अक्सर डगमगाता रहता है. लेकिन, पहले के समय में हमारे बुजुर्ग सर्दी के मौसम में भी ठंडे पानी और सुबह-सुबह नहाते की सलाह देते थे. ऐसे में आयुर्वेद और नेचुरोपैथी आचार्य मनीष ने बताया कि नहाते समय सबसे पहले पानी कहां डालना चाहिए. इसके अलावा नहाने से पहले नाभि में पानी डालने से क्या होता है?
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नहाने से पहले नाभि में पानी डालने से क्या होता है?
आचार्य मनीष ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि नहाने से पहले नाभि में पानी डालने से क्या होता है. आचार्य के मुताबिक, अचानक पूरे शरीर पर ठंडा पानी डालने से शरीर को तापमान के झटके लग सकते हैं. ऐसे में नाभि पर पानी डालना शरीर को इस बदलाव के लिए धीरे-धीरे तैयार करने में मदद करता है, जिससे शरीर का तापमान धीरे-धीरे सही हो जाता है.
सर्दी के मौसम में ठंडे पानी से ही नहाना चाहिए, जिन लोगों को सर्दी में पानी ठंडा लगता है, तो वह सबसे पहले 5-7 डिब्बे पानी अपनी नाभि पर डालें. ऐसा करने से थोड़ी देर में शरीर का तापमान अपने आप एडजस्ट हो जाएगा और फिर ठंड नहीं लगेगी.
नाभि पर पानी का स्पर्श वेगस तंत्रिका को उत्तेजित कर सकता है, जो शरीर को शांत करने और तनाव व घबराहट को कम करने में भूमिका निभाती है. इसके अलावा शरीर एनर्जेटिक रहता है.
नहाते समय सबसे पहले पानी कहां डालना चाहिए?हेल्थ एक्सपर्ट से मुताबिक, नहाने की शुरुआत हमेशा पैरों या टखनों से करनी चाहिए, सीधे सिर पर पानी नहीं डालना चाहिए. अगर, आप सीधे सिर या कंधों पर ठंडा पानी डालते हैं, तो यह रक्त वाहिकाओं को अचानक सिकुड़ सकता है, जिससे सिर और ऊपरी शरीर में ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है. यह हार्ट से जुड़ी समस्या से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है. पैरों से शुरू करके धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ना शरीर को नए तापमान के अनुकूल होने का समय देता है, जिससे हार्ट प्रणाली पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.