Dussehra 2023: आखिर क्यों मशहूर है मैसूर का दशहरा, यहां की धूम होती है देखने वाली

Mysore Dussehra: हर साल की तरह ही इस साल भी मैसूर पैलेस दशहरा पर जगमगा रहा है. यहां दूर-दूर से लोग विजयदशमी मनाने आते हैं. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
Mysore Dussehra Celebration: इस साल भी दिख रही है मैसूर दशहरा की रौनक.

Mysore Dussehra 2023: आज देशभर में विजयदशमी मनाई जा रही है. इसे नवरात्रि के दसवें दिन दशमी तिथि पर मनाया जाता है. विजयदशमी (Vijayadashami) को दशहरा भी कहते हैं. दशहरा की धूम यूं तो देश के कोने-कोने में दिखाई पड़ती है लेकिन मैसूर के दशहरा की रौनक ही अलग है. मैसूर (Mysore) अपने दशहरा के लिए मशहूर है. यहां के दशहरा का इतिहास 15वीं शताब्दी तक जाता है और यहां अनूठी सांस्कृतिक छाप देखने को मिलती है. नवरात्रि के पहले दिन से शुरू होकर यह पर्व दशहरा तक मनाया जाता है और खासकर मैसूर पैलेस को नई दुल्हन की तरह सजाया जाता है जो इस शहर का गौरव भी है. 

महाराष्ट्र: विजयदशमी पर शिरडी के साईं बाबा मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़ 

जुड़ा है खास इतिहास 

मैसूर दशहरा से विजयनगर का इतिहास जुड़ा हुआ है. 15वीं शताब्दी से ही विजयनगर के राजाओं ने दशहरा उत्सव मनाना शुरू कर दिया था. इससे पहले 14वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य में इसे महानवमी के रूप में मनाया जाता है जिसकी कलाकृतियां हम्पी के हजारा राम मंदिर की बाहरी दीवारों पर देखने को मिलती हैं. कई विदेशी पर्यटकों ने भी मैसूर दशहरा का वर्णन अपने यात्रा वृतांतों में किया है. 

मंदिर शोभायात्रा : तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं सोमवार को पांच घंटे तक निलंबित रही

मशहूर मैसूर दशहरा (Mysore Dasara) के उत्सव को मैसूर पैलेस में मनाए जाने की परंपरा कृष्णराज वेडयार III के शासनकाल में हुई थी. यहां शाही परिवार के सदस्यों के साथ-साथ विशेष तौर पर बुलाए गए मेहमानों और अधिकारियों के साथ दशहरा मनाया जाता था. 

Advertisement
सज गया है मैसूर पैलेस 

हर साल की तरह इस साल भी दशहरा पर मैसूर पैलेस को जमगमगाती लड़ियों से सजाया गया है. यहां भव्य एयर शो की शुरूआत हो गई और खूब चहल-पहल भी है. बात रही लोगों के उत्साह की तो वो भी देखने लायक है. लोग दूर-दूर से मैसूर में दशहरा मनाने आते हैं और खासतौर से यहां आकर मैसूर पैलेस (Mysore Palace) देखते हैं. 

Advertisement

मैसूर दशहरा उत्सव में नृत्य, संगीत और इस त्योहार से जुड़ी पौराणिक कथाओं का वर्णन देखने को मिलता है. मैसूर के दशहरा से मां चामुंडेश्वरी की कथा जुड़ी है जिसमें वे चामुंडी पर्वत पर महीषासुर का वध करती हैं और धर्म की रक्षा करती हैं. 

Advertisement

इस उत्सव में महानवमी पर निकलने वाला जुलूस भी शामिल है. इस जुलूस में माता चामुंडेश्वरी की मूर्ति को हाथी पर स्वर्ण गद्दी पर बिठाया जाता है. यह नजारा देखने वाला होता है. इस जुलूस के बाद विजयदशमी की रात टोर्चलाइट परेड भी होती है जोकि इस त्योहार के खास आकर्षणों में से एक है. 

Advertisement
Mysuru में Dussehra की धूम, जानें क्यों खास है मैसूर का दशहरा?

Featured Video Of The Day
Yellow Taxi बन जाएगी इतिहास... जानें वजह | Kolkata | Shorts
Topics mentioned in this article