सिर पर ताज-हाथ में तिरंगा लिए पिता के ऑटो में बैठकर समारोह में पहुंचीं मिस इंडिया रनर अप मान्या सिंह, सादगी को लोग कर रहे सलाम

हाल ही में मान्या सिंह ने वीएलसीसी फेमिना मिस इंडिया 2020 की रनरअप का खिताब अपने नाम कर खूब सुर्खियां बटोरीं

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पिता के ऑटो में बैठकर समारोह में पहुंचीं मिस इंडिया रनर अप मान्या सिंह
नई दिल्ली:

अक्सर कहा जाता है कि इंसान को आसमान छूने की तमन्ना रखनी चाहिए, लेकिन अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलना चाहिए. फेमिना मिस इंडिया 2020 की रनरअप मान्या सिंह (Manya Singh) इस बात की जीती जागती मिसाल हैं. हाल ही में मान्या सिंह ने वीएलसीसी फेमिना मिस इंडिया 2020 की रनरअप का खिताब अपने नाम कर खूब सुर्खियां बटोरीं. लेकिन यूपी के देवरिया की रहने वाली मान्या सिंह ने अपने पिता के साथ ऑटो रिक्शा में बैठकर मुंबई में अपने एक Felicitation समारोह में पहुंचकर लाखों दिलों को जीत लिया. 

इवेंट से मान्या सिंह की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. वह ऑटो में बैठकर अपने माता-पिता के साथ इवेंट में आती नज़र आ रही हैं. मान्या सिंह ने ब्लैक कलर की खूबसूरत ड्रेस पहनी हुई है और सिर पर अपना क्राउन भी पहना हुआ है. उन्होंने अपने हाथ में देश का तिरंगा झंडा भी लिया हुआ है. समारोह में पहुंचने पर मान्या और उनके माता पिता का बेहतरीन तरीके से स्वागत किया गया.

मान्या सिंह के एक रिक्शा चालक की बेटी होने से लेकर मिस इंडिया 2020 की रनरअप बनने तक का सफर और संघर्ष लोगों को काफी प्रेरित कर रहा है. मान्या सिंह अपने जज़्बे और सच्चाई से लोगों का दिल जीत रही हैं. लोग उनकी सादगी और हौसले को सलाम कर रहे हैं. वे लाखों लोगों के लिए एक मिसाल बन गई हैं, खासकर युवा पीढ़ी को सबसे ज़्यादा प्रेरित कर रही हैं कि अगर इंसान उड़ना चाहे, तो कोई मुश्किल उसे आसमान छूने से नहीं रोक सकती है. 

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बता दें कि मान्या (Manya Singh) पीटीआई भाषा को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे उनके लिए पढ़ाई करना भी काफी मुश्किल हुआ करता था. मान्या ने कहा, "14 साल की उम्र में, मैं देखती थी कि मेरे आसपास की लड़कियां जीवन का आनंद उठा रही हैं, अच्छे कपड़े पहन रही हैं, स्कूल जा रही हैं. मुझे पता था कि मेरा जीवन उनकी तरह नहीं है."

मान्या के मुताबिक एक बार उनको शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश दिलाने के लिए उनकी मां को गहने बेचने पड़े. मान्या ने कहा, 'मैं डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बनना चाहती थी. हालांकि उससे मेरे माता-पिता खुश होते लेकिन मैं साधारण जीवन नहीं जीना चाहती थी. मैं जीवन में कुछ 'मसाला' चाहती थी.'

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