Medical Tests For Women Over The Age Of 40 : चालीस की उम्र पार करने के बाद महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसका कारण मेनोपॉज (menopause) की शुरूआत होती है. इसके कारण महिलाओं का शरीर कई बीमारियों की चपेट में आ जाता है. ऐसे में इस सिचुएशन से बचने के लिए महिलाएं समय-समय पर अपना हेल्थ चेकअप करवाती रहें, ताकि समय रहते बीमारियों का इलाज किया जा सके. तो चलिए जानते हैं 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं को कौन से टेस्ट करवाने चाहिए.
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40 के बाद कौन से टेस्ट करवाएं
पेल्विक जांच और पैप स्मीयर : 40 की उम्र तक पहुंचने के बाद, पेल्विक टेस्ट, पैप स्मीयर और एचपीवी के लिए परीक्षण कराने की सलाह दी जाती है. भारत में अधिकांश महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर मृत्यु का एक प्रमुख कारण है.
मैमोग्राम : स्तन कैंसर भारत में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है. चूंकि उम्र के साथ स्तन कैंसर का खतरा बढ़ता है, इसलिए हर उम्रदराज महिला को मैमोग्राम टेस्ट करानी चाहिए.
बोन डेंसिटी : अगर आप एक महिला हैं, तो आपको पुरुषों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. इस टेस्ट की मदद से बोन डेंसिटी का पता लगाया जा सकता है. ऐसे में, महिलाएं लाइफस्टाइट से जुड़े बदलाव कर खुद को हेल्दी रख सकती हैं.
थायराइड टेस्ट: वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, भंगुर नाखून और थकावट आदि 40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं की कुछ सामान्य शिकायतें हैं. इसका एक सामान्य कारण कम थायराइड या हाइपोथायरायडिज्म है. महिलाओं को 40 की उम्र के बाद 3 साल में एक बार यह टेस्ट करवाना चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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