बच्चे को लग गए हैं दस्त तो इस तरह करें देखरेख, क्या खिलाएं क्या नहीं जानें यहां 

अगर छोटे बच्चे को दस्त लग गए हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर इस दिक्कत को दूर किया जा सकता है. यहां जानिए दस्त में कैसे करें बच्चे की देखरेख. 

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Loose Motions: बच्चे अक्सर ही बाहर से छोटा-मोटा कुछ ना कुछ खरीदकर खाते रहते हैं. इन फूड्स में पोषक तत्व नाममात्र भी नहीं होते लेकिन एडेड शुगर और प्रीजर्वेटिव्स की अत्यधिक मात्रा पाई जाती है. ऐसे में बच्चों का पेट बिगड़ते देर नहीं लगती. वायरस, पेट के इंफेक्शन, फूड एलर्जी या खानपान में बदलाव के कारण भी दस्त लग सकते हैं. बच्चे को दस्त लगते हैं तो मल पानी जैसा आने लगता है. इसके अलावा मल से आम दिनों से ज्यादा बदबू आती है और मल का रंग बदला हुआ नजर आता है. दस्त (Diarrhea) लगने पर बच्चे के पेट में दर्द रहने लगता है और शरीर में पानी की कमी और कमजोरी महसूस होती है सो अलग. ऐसे में अगर आपके बच्चे को भी दस्त लग गए हैं तो यहां जानिए किस तरह इस दिक्कत से छुटकारा पाया जा सकता है. 

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बच्चों में दस्त के घरेलू उपाय 

ओआरएस - दस्त लगने और बार-बार मलत्याग करने पर बच्चे के शरीर में पानी की कमी होने लगती है. इसीलिए उसे हर थोड़ी देर में ओआरएस का घोल पिलाएं. ओआरएस पीने पर शरीर के खोए हुए फ्लुइड्स फिर से बनने लगते हैं. आप बाजार से ओआरएस (ORS) का घोल खरीदकर ला सकते हैं. इसके अलावा, घर पर 6 चम्मच चीनी में आधा चम्मच नमक और एक लीटर पानी डालकर घोल बना लें. इस घोल को हर एक घंटे में बच्चे को थोड़ा-थोड़ा पीने के लिए देते रहें. 

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केला - दस्त से राहत दिलाने में केले का अच्छा असर नजर आता है. बच्चे को दस्त लग जाएं तो उसे केला खाने को दें. केले और दही को साथ मिलाकर भी दिया जा सकता है. इससे बच्चे को एनर्जी तो मिलेगी ही, साथ ही मल में भार आएगा और पतले मल की दिक्कत दूर होगी सो अलग. 

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अनार का जूस - शरीर को दस्त के दौरान हाइड्रेटेड रखने के लिए भी अनार का जूस पिया जा सकता है. अनार को पीसकर इसे मलमल के कपड़े से छानें और बाहर निकले रस में थोड़ा पानी मिलाकर बच्चे को पीने के लिए दें. 

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पेय पदार्थ - ओआरएस और अनार के जूस के अलावा बच्चे को गाजर का जूस, फलों का जूस या नारियल पानी (Coconut Water) दिया जा सकता है. खासतौर से नारियल पानी दस्त की दिक्कत में अच्छा साबित होता है.

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इन बातों का रखें ध्यान 
  • दस्त के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को पूरा आराम मिल रहा है. बच्चे का शरीर थका हुआ होता है ऐसे में उसे पूरे आराम की जरूरत होती है. 
  • गाय का दूध, चीज या मक्खन जैसी चीजें बच्चे को खाने के लिए ना दें. 6 महीने से बड़े बच्चे को अन्य लिक्विड चीजें खाने-पीने के लिए दी जा सकती हैं. 
  • बच्चे के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें. बच्चे के खिलौने भी साफ हों इसपर खास गौर करें और उसके खिलौनों को धोकर रखें. 
  • बच्चे को कुछ भी जबरदस्ती खिलाने की कोशिश ना करें. इसके बजाय उसे थोड़ा-थोड़ा करके खाने के लिए दें. 
  • डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चे को किसी तरह की दवाई ना दें . इसके अलावा छोटे बच्चों को बड़ों की दवाइयां देने से परहेज करें. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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