करेला (karela) आपको पसंद हो या न, लेकिन इस कड़वे स्वाद वाली सब्जी को अपनी डेली डाइट में शामिल करने के कई कारण हैं. पोटेशियम, विटामिन सी, आयरन, मैग्नीशियम और फाइबर से भरपूर यह सब्जी खास तौर पर तब फायदेमंद होती है जब आप डायबिटीज, अस्थमा, कब्ज, खांसी, गठिया, त्वचा रोग या किसी भी तरह की सूजन जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हों. भारत में लोग अपनी रसोई में करेले को कई तरह से बनाते हैं. इसे प्याज और दूसरे मसालों के साथ पकाकर सूखी सब्जी के रूप में खाया जा सकता है या फिर इसे तीखा स्वाद देने के लिए इसमें मसाले और अचार भरकर खाया जा सकता है.
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हालांकि, बहुत से लोग मधुमेह से लेकर वजन कम करने तक के कई लाभों के लिए करेले का जूस पीना पसंद करते हैं. यह सब्जी प्राचीन काल से ही अपने औषधीय लाभों के लिए जाना जाता है. इसमें मधुमेह रोधी, सूजन रोधी, एंटीवायरस और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले गुण होते हैं.
करेले के स्वास्थ्य लाभ अनगिनत हैं. इसके फल, तने, पत्ते और जड़ों का उपयोग हाइपरलिपिडिमिया, पाचन संबंधी परेशानी, माइक्रोबियल संक्रमण और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है.
सप्ताह में कितने दिन पिएं करेले का जूस - How many days in a week should you drink bitter gourd juice
इतने गुणों से भरपूर इस सब्जी को लेकर लोगों के दिमाग में कई सवाल रहते हैं. उनका पूछना होता है कि आखिर इस सब्जी के रस को हफ्ते में कितने दिन पीना चाहिए. तो आपको बता दें कि करेले का रस सप्ताह में 1 दिन काफी है. इससे ज्यादा आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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