नाक में तेल डालकर सोने से क्या होता है? आयुर्वेदिक एक्सपर्ट ने बताया सुबह उठते ही नजर आने लगेंगे ये फायदे

Oil in nose benefits: आयुर्वेद में एक बेहद असरदार तरीका बताया गया है- नस्य क्रिया. आइए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानते हैं इसके बारे में, साथ ही जानेंगे इसे करने का सही तरीका क्या है.

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क्यो होती है नस्य क्रिया?

Naak mai konsa tel dalna chahiye: अक्सर लोग रात को सोते समय बंद नाक या नाक में सूखेपन की समस्या से परेशान रहते हैं. इससे नींद बार-बार टूटती है, जिससे फिर उन्हें अगले दिन सुस्ती, थकान या कमजोरी का सामना करना पड़ता है, साथ ही सिर दर्द की परेशानी भी बढ़ जाती है.  इससे राहत पाने के लिए आयुर्वेद में एक बेहद असरदार तरीका बताया गया है- नस्य क्रिया. आइए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानते हैं इसके बारे में, साथ ही जानेंगे इसे करने का सही तरीका क्या है. 

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क्यो होती है नस्य क्रिया?

NDTV के साथ हुई बातचीत के दौरान आयुर्वेद के निदेशक और वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर प्रताप चौहान ने बताया, 'नस्य, आयुर्वेद का एक पुराना और प्रभावी उपचार है. इसमें नाक के जरिए शरीर में औषधीय तेल डाला जाता है, जिससे न सिर्फ नाक साफ होती है, बल्कि मस्तिष्क, नसें और पूरे शरीर पर अच्छा असर पड़ता है. यह प्रक्रिया खासतौर पर रात को सोने से पहले करने की सलाह दी जाती है.'

नाक में तेल डालने के फायदे

नाक की सूजन और सूखापन दूर होता है 

डॉक्टर प्रताप चौहान बताते हैं, तेल डालने से नाक नम रहती है और राहत मिलती है. इससे नाक का सूखापन या जलन तो दूर होती ही है, साथ ही नाक की सूजन में भी राहत मिलती है.

सांस लेना आसान होता है 

जब नाक खुली और नमी से भरी होती है, तब आप गहरी और सुकून देने वाली सांसें लेते हैं, इससे नींद बेहतर आती है और शरीर को आराम मिलता है.

खर्राटे और एलर्जी में राहत

आयुर्वेदाचार्य के मुताबिक, नस्य क्रिया धीरे-धीरे खर्राटों की समस्या को कम कर सकती है.

बाल झड़ने और सिरदर्द में फायदा

इन सब से अलग डॉक्टर प्रताप बताते हैं, नाक के जरिए तेल से सिर की नसों को भी पोषण मिलता है, जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और सिरदर्द में राहत मिलती है.

कौन-सा तेल चुनें?

आयुर्वेदाचार्य के मुताबिक, तेल का चुनाव मौसम व्यक्ति की प्रकृति और स्वास्थ्य के हिसाब से किया जाना चाहिए. हालांकि, आप कुछ सामान्य तेल को चुन सकते हैं. जैसे-

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अणु तैलम

ये तेल शुद्ध तिल के तेल से बना होता है. आमतौर पर ये हर किसी के लिए सुरक्षित होता है. साथ ही इससे कई फायदे भी मिलते हैं. 

शतावरी घृत या ब्राह्मी घृत 

जिन लोगों को नींद से जुड़ी दिक्कत रहती है, तनाव रहता है या सिर में दर्द जैसी समस्या बनी रहती है, उनके लिए शतावरी घृत या ब्राह्मी घृत का तेल सबसे बेहतर है. 

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नारायण तेल

नाक में सूजन, जलन, दर्द,  जोड़ों के दर्द, गर्दन जकड़न या पुराने सिरदर्द जैसी समस्याओं में ये तेल सबसे असरदार हो सकता है.

इस्तेमाल कैसे करें?
  • डॉक्टर प्रताप चौहान बताते हैं, रोज रात को सोने से पहले चेहरा धोएं और थोड़ी भाप लें ताकि नाक की नलियां खुल जाएं.
  • अब, सीधे लेट जाएं और नाक में 2-2 बूंद हल्का गुनगुना तेल डालें.
  • इसके बाद गहरी सांस लें और थोड़ा आराम करें. 
  • अगर तेल गले तक जाए तो घबराएं नहीं, यही असर दिखाने का तरीका है.

कब न करें?

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं, अगर आपको सर्दी-जुकाम या फ्लू है, नाक में सूजन है, या आप गर्भवती हैं या अस्थमा के मरीज हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह के इस तरीके को  न आजमाएं. इसके अलावा बच्चों को देने से पहले भी सलाह जरूरी है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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