नहाते समय पेशाब क्यों आता है? वजह जानकर चकरा जाएगा दिमाग, एक्सपर्ट से जानिए क्या है सच

Urinating During Bath: अक्सर लोग नहाते हैं तो बीच में पेशाब कर लेते हैं और उन्हें इस आदत से कोई रिस्क महसूस नहीं होता, जो आगे चलकर सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है.

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नहाते समय पेशाब आने से क्या होता है?
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Peeing Or Urinating During Bath: नहाना एक ऐसी प्रक्रिया है, जो शरीर को शुद्ध और तरोताजा करती है, लेकिन इस सुकून भरे पल में कुछ लोग अनजाने में एक ऐसी आदत डाल लेते हैं, जो आगे चलकर उनकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है. नहाते समय पेशाब करना एक ऐसा विषय है जिस पर ज्यादातर लोग खुलकर बात नहीं करते, लेकिन ये काफी नॉर्मल बात है. अक्सर लोग नहाते हैं तो बीच में पेशाब कर लेते हैं और उन्हें इस आदत से कोई रिस्क महसूस नहीं होता. कई लोग सोचते हैं कि पानी के अंदर खड़े होकर पेशाब करना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह साधारण सी लगने वाली क्रिया शरीर के कुछ जरूरी कार्यों पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है.

इसके गंभीर दुष्प्रभाव मूत्राशय और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर दबाव, पेशाब रुकना, संक्रमण का खतरा बढ़ना और दिमाग में बुरी आदतों का बनना हो सकते हैं. इसके अलावा यह आदत स्वच्छता के लिहाज से भी जोखिम बढ़ाती है. यूरो गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. टेरेसा इरविन ने इस संबंध में बताया कि खड़े होकर पेशाब करने से मूत्राशय सही तरीके से खाली हो जाता है, लेकिन शॉवर में पेशाब करने से आपका दिमाग हर बार पानी के बहने की आवाज सुनते ही पेशाब करने के लिए तैयार हो जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, जब भी आप पानी की आवाज सुनते हैं, आपका मूत्राशय पेशाब करना चाहेगा, क्योंकि उसे शॉवर में पानी की आवाज सुनने की आदत हो गई है, तो जब भी आप हाथ धो रहे होंगे, बर्तन धो रहे होंगे, तो आपके मूत्राशय से लार टपकेगी, ऐसा कहा जा सकता है, क्योंकि वह पेशाब करना चाहता है.

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डॉ. टेरेसा इरविन के मुताबिक, अगर आप बहते पानी के दौरान पेशाब करते हैं, तो आप अपने दिमाग में बहते पानी की आवाज और पेशाब करने की इच्छा के बीच एक संबंध बना रहे हैं. अगर, आपका पेल्विक फ्लोर मजबूत नहीं है, तो अगर कोई शॉवर के बाहर पानी की आवाज सुनता है, तो इससे रिसाव की समस्या हो सकती है.

पेल्विक फ्लोर पर तनाव

एक्सपर्ट के अनुसार, नहाते समय पेशाब करने से शरीर पूरी तरह से आराम की स्थिति में नहीं रहता. इससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता. मूत्राशय के ठीक से खाली न होने के कारण कुछ पेशाब अंदर ही रह जाता है. अगर यह आदत लंबे समय तक बनी रहे, तो मूत्राशय की मांसपेशियों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है. महिलाओं में यह समस्या ज्यादा गंभीर मानी जाती है, क्योंकि इससे उनकी मांसपेशियों की संरचना ज्यादा प्रभावित हो सकती है.

मूत्र मार्ग में संक्रमण का खतरा

अधूरा पेशाब संक्रमण को न्योता दे सकता है. अगर पेशाब शरीर में रुका रहे, तो उसमें कीटाणु पनप सकते हैं. ये कीटाणु मूत्राशय और गुर्दों तक पहुंच सकते हैं, जिससे मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) होने का खतरा बढ़ जाता है. यह समस्या खासकर महिलाओं में आम है. अगर संक्रमण हो जाए, तो दर्द, जलन और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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