Independence Day 2024: क्या आप जानते हैं किसने डिजाइन किया था हमारा तिरंगा झंडा, जानिए स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी कुछ रोचक बातें

Independence Day Facts: भारतीय तिरंगा भारत की आन, बान और शान है. आज स्वतंत्रता दिवस के दिन जानिए इस तिरंगे को इसके रंग किस तरह मिले थे और किसने डिजाइन किया था हमारा राष्ट्रीय ध्वज. 

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Happy Independence Day: आपको भी नहीं पता होंगे तिरंगे से जुड़े ये तथ्य. 
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Independence Day 2024: हर साल 15 अगस्त के दिन भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है. भारतीय तिरंगा हमारे देश की आन, बान और शान है. यह तिरंगा देश की आजादी का प्रतीक है, देश की संप्रुभता और अखंडता की पहचान है और जब यह तिरंगा झंडा लहराता है तो हर भारतवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. स्वतंत्रता दिवस पर आजादी का जश्न भी इस तिरंगे के बिना अधूरा होता है. पूरा देश इस मौके पर तिरंगे (Tricolor) के रंगों से सराबोर नजर आता है. घर हो या फिर स्कूल, कॉलेज या दफ्तर और गली-मोहल्ले, तिरंगे की छटा हर ओर बिखरी नजर आती है. लेकिन, क्या आपको पता है तिरंगे के रंगों का क्या महत्व है और यह झंडा (Indian National Flag) किसने डिजाइन किया था? आइए जानते हैं कुछ रोचक तथ्य. 

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किसने डिजाइन किया था तिरंगा झंडा | Who Designed Indian National Flag 

साल 1906 में भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज कलकत्ता के पारसी बागान स्क्वेयर में फहराया गया था. यह स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक था. इस झंडे में हरी, पीली और लाल पट्टियां थीं जिनमें कमल और अर्धचंद्र समेत कई प्रतीक बने हुए थे. 

इसके बाद झंडे का दूसरा संस्करण या दूसरे तरह का झंडा मैडम भीकाजी कामा ने साल 1907 में प्रस्तुत किया था. इस ध्वज में नारंगी पट्टी थी और कमल की जगह पर सितारे बने हुए थे. लाल पट्टी अब हरी रंग की कर दी गई थी और कोनों पर अर्धचंद्र, तारे और सूरज बने थे. 

साल 1917 में होम रूल आंदोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट ने एक नया ध्वज (Flag) प्रस्तुत किया था जिसमें नौ क्षैतिज पट्टियां थीं और इसमें तारे और अर्धचंद्र बने थे. 

वर्तमान में हम जिस राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं वो पिंगली पेंकेया (Pingali Venkayya) के डिजाइन पर आधारित है. इस झंडे पर सफेद, हरी और लाल धारियां बनी थीं और केंद्र में एक चरखा था. इस डिजाइन को तुरंत नहीं अपनाया गया था लेकिन समयांतरण के साथ यह भारत की एकता का प्रतिनिधित्व करने वाला ध्वज बनता गया. वेकेंया आंध्र प्रदेश से आने वाली स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से शिक्षा हासिल की थी. वे महात्मा गांधी के सिंद्धांतो से प्रभावित थे. वेंकेया ने साल 1916 में अपनी एक बुकलेट निकाली थी जिसमें 24 ध्वजों के डिजाइन थे. 

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स्वतंत्रता के बाद राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व वाली समिति ने झंडे का अंतिम डिजाइन पेश किया जिसमें वेंकेया का झंडा लिया गया लेकिन केंद्र के चरखे को धर्म चक्र से बदला गया. धर्म चक्र कानून और धार्मिकता का प्रतीक था. 

ध्वज के रंगों का अर्थ 

भारत के राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंगों की धारियां हैं जिन्हें बैंड कहा जाता है. केसरिया पट्टी भारती की ताकत और साहस का प्रतीक है, बीच में सफेद रंग शांति और सच्चाई को दर्शाता है और सबसे नीचे हरी पट्टी है जो भारत की उपजाऊ भूमि, विकास और समृद्धि को दर्शाती है. केंद्र में धर्म चक्र है जिसमें 24 तीलियां हैं. यह चरखा देश की प्रगति और गतिशीलता का प्रतीक है.

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