बिना ट्यूशन के बच्चे को घर पर कैसे पढ़ाएं? आज से ही कर लें ये 5 काम, हमेशा करेगा क्लास में टॉप

Parenting Tips: यहां हम आपको कुछ आसान तरीके बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप बिना ट्यूशन के भी बच्चे की परफॉर्मेंस को बेहतर कर सकते हैं.

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Parenting Tips: बिना ट्यूशन के बच्चों को घर पर कैसे पढ़ाएं?

Parenting Tips: आजकल ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्यूशन पर निर्भर हो गए हैं. कई बार सही ट्यूशन टीचर नहीं मिल पाता है, जिससे बच्चे की परफॉर्मेंस गिरने लगती है. वहीं, कुछ ट्यूशन टीचर की फीस बेहद ज्यादा होती है, जिससे भी पेरेंट्स की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है, तो ये आर्टिकल आपके लिए बड़े काम का साबित हो सकता है. यहां हम आपको कुछ आसान तरीके बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप बिना ट्यूशन के भी बच्चे की परफॉर्मेंस को बेहतर कर सकते हैं. ये तरीके डिजिटल क्रिएटर माया यादव ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर किए हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में- 

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बिना ट्यूशन के बच्चों को घर पर कैसे पढ़ाएं?

नंबर 1- टाइम फिक्स करें 

माया कहती हैं कि सबसे पहले बच्चे के लिए घर में पढ़ाई का एक फिक्स टाइम और जगह तय करें. जैसे ट्यूशन क्लास में टाइम फिक्स होता है, वैसे ही घर में भी एक रूटीन बनाएं. इससे बच्चे के मन में अनुशासन बनेगा और वह उस समय को पढ़ाई से जोड़ने लगेगा.

नंबर 2-  छोटे-छोटे ब्रेक्स दें

पढ़ाई के दौरान बच्चे को छोटे-छोटे ब्रेक्स देना भी बहुत जरूरी है. लगातार पढ़ने से बच्चा थक जाता है और ध्यान भटकने लगता है. बीच-बीच में 5-10 मिनट का ब्रेक देने से उसका दिमाग फ्रेश होता है और वह दोबारा पढ़ने के लिए तैयार हो जाता है.

नंबर 3-  आउटडोर एक्टिविटीज 

सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बच्चे के लिए आउटडोर एक्टिविटीज भी उतनी ही जरूरी हैं. खेलकूद या बाहर की गतिविधियों से बच्चे की ऊर्जा बनी रहती है और मानसिक विकास भी होता है. जब बच्चा खेलने के बाद पढ़ता है, तो उसका ध्यान और याददाश्त दोनों बेहतर होती हैं.

नंबर 4- रिवीजन है जरूरी

स्कूल से आने के बाद बच्चे को रिवीजन कराना भी जरूरी है. दिनभर स्कूल में जो कुछ सीखा है, उसे दोहराने से वह दिमाग में लंबे समय तक याद रहता है. माया सुझाव देती हैं कि माता-पिता बच्चों से सिर्फ पढ़ने को न कहें, बल्कि लिखवाएं भी. लिखने से याद रखने की क्षमता बढ़ती है.

नंबर 5- टेस्ट लें

हफ्ते में एक बार बच्चे का छोटा टेस्ट लें. इससे न सिर्फ बच्चे की ग्रोथ पता चलेगी, बल्कि यह भी समझ में आएगा कि उसे किन विषयों में सुधार की जरूरत है.  

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इस तरह अगर माता-पिता थोड़ा समय और ध्यान दें, तो बच्चा बिना किसी ट्यूशन के भी बहुत अच्छा कर सकता है. 

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