Bad Handwriting: खूबसूरत दिखने वाली हैंडराइटिंग में मेहनत तो लगती ही है, साथ ही प्रैक्टिस की भी जरूरत होती है. लेकिन, बहुत से बच्चों की हैंडराइटिंग हमेशा बुरी ही रहती है. गंदी हैंडराइटिंग के कई नुकसान होते हैं. अगर हैंडराइटिंग साफ ना हो तो कई बार बच्चे पेपर पर क्या लिख रहे हैं यह पढ़ने में ही नहीं आता. वहीं, गंदी हैंडराइटिंग कम नंबर मिलने का कारण भी बनती है. ऐसे में यहां जानिए बच्चे की हैंडराइटिंग किन वजहों से बिगड़ जाती है और हैंडराइटिंग को सुधारने (Handwriting Improvement) के लिए क्या टिप्स अपनाए जा सकते हैं. इन टिप्स को शेयर किया है हैंडराइटिंग और कैलिग्राफी एक्सपर्ट प्रीति कुमारी ने. ऐसे में एक्सपर्ट की बताए इन टिप्स को आजमाकर आप भी अपने बच्चे की लिखावट सुधार सकते हैं.
गंदी हैंडराइटिंग की क्या वजह है | Reasons Of Bad Handwriting
- पेन या पेंसिल को गलत तरीके से पकड़ने पर भी लिखावट गंदी हो सकती है.
- अगर बच्चे को सही पोश्चर में बैठकर लिखने की आदत नहीं है तो उससे भी लिखावट खराब हो जाती है. लेटकर काम करने पर लिखावट गंदी दिखती है.
- अगर सही पेंसिल का इस्तेमाल ना किया जाए तो इससे भी हैंडराइटिंग खराब हो सकती है. अगर पेंसिल सही तरह से शार्प नहीं है तो बच्चा उसे पेपर पर जरूरत से ज्यादा घिसेगा या टाइट पकड़ेगा. इससे हैंडराइटिंग पर असर पड़ता है.
- कॉपी या पेपर की प्लेसमेंट ठीक ना हो या पेपर सही तरह से ना रखा हो तो इससे भी लिखावट बिगड़ सकती है.
- कई बार बच्चे को बेमन से काम करने या लिखने के लिए बिठाया जाता है. ऐसा करने पर बच्चे की लिखावट बिगड़ने लगती है और हमेशा ही बच्चा शब्दों को आढ़ा-टेढ़ा लिखने लगता है.
पेंसिल या पेन पकड़ने का सही तरीका - इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बच्चा पेंसिल या पेन को सही तरह से पकड़े. बहुत उंचाई पर या पेंसिल की नोक के बहुत पास से पेंसिल को पकड़ा जाए तो इससे भी लिखावट खराब हो जाती है.
लिखने के लिए बैठने का सही तरीका - सही तरह से बैठकर लिखना जरूरी होता है. शुरुआत में खासतौर से बच्चों को सीधा बैठने के लिए कहें. कुर्सी और टेबल लेकर बैठना और फिर लिखना सबसे सही रहता है.
अक्षर बनाने का सही तरीका - जब बच्चा शुरुआत में लिखना शुरु करता है तो उसके शब्दों की बनावट पर ध्यान दें. अगर बच्चा किसी शब्द को सही नहीं लिखता तो उसे वो शब्द सही से लिखना सिखाएं. कई बार बच्चा किसी शब्द को उल्टा या गलत लिखना शुरू करता है तो उसे हमेशा ही इस तरह लिखने की आदत हो जाती है.
लाइन का सही तरीके से उपयोग करना - शुरुआत में बच्चों को 3 या 4 लाइनों वाली कॉपी खरीदकर दें. बच्चे को सिखाएं कि लाइनों की मदद से कैसे लिखा जाता है. सही तरह से लिखने पर शब्दों को बच्चा सही लिखना सीखता है और इससे उसकी हैंडराइटिंग भी साफ और सुंदर नजर आती है.
धैर्य की कमी जल्दबाजी में ना लिखें - बच्चे अक्सर ही काम से छुटकारा पाने के लिए तेजी से लिखना शुरू कर देते हैं. इससे काम तो जल्दी खत्म हो जाता है लेकिन पेपर पर ऐसा लगता है जैसे मक्खी या मच्छर चिपके हों क्योंकि हैंडराइटिंग बुरी नजर आती है. इसीलिए धैर्य से काम लेना जरूरी है. बच्चे से कहें कि वह धीरे-धीरे और साफ-साफ लिखकर (Clean Handwriting) काम पूरा करें.
निरंतर अभ्यास करना - प्रैक्टिस से अपनी लिखावट सुधारी जा सकती है. हैंडराइटिंग अच्छी करने के लिए बच्चे से कहें कि वह बैठकर रोजाना 1-2 पन्ने अपनी राइटिंग सुधारने के लिए लिखे. लेकिन, यह काम उसे बोझ की तरह नहीं लगना चाहिए. पन्ने भरने के लिए आपको उससे नहीं लिखवाना है बल्कि उसे कहें कि लिखावट सुधारने के लिए उसे साफ-साफ लिखने की प्रैक्टिस करनी है. प्रैक्टिस में अपने खराब लिखे गए शब्दों को सही से लिखने की कोशिश की जा सकती है.
अभ्यास के समय मन शांत रखकर अभ्यास करना - अगर बच्चे का पूरा ध्यान खेलने में रहेगा तो वह सही तरह से ना काम करेगा और ना ही साफ-साफ लिखेगा. इसीलिए बच्चे का हैंडराइटिंग करते समय मन शांत रहना भी बेहद जरूरी होता है. प्रैक्टिस के समय पूरा ध्यान काम पर ही होना चाहिए इसीलिए ध्यान रखें कि बच्चे के खेल के समय या टीवी देखने के समय उसे प्रैक्टिस करने के लिए ना कहें बल्कि पढ़ाई के समय पर ही प्रैक्टिस करने के लिए कहें.