Parenting Tips: बच्चे जैसे ही किशोरावस्था में कदम रखते हैं उनमें कई तरह के बदलाव होना शुरू हो जाते हैं. ना सिर्फ बाहरी बल्कि अंदरूनी रूप से भी बच्चे बदल जाते हैं. कोई हंसमुख बच्चा टीनेजर होते ही चिड़चिड़ा हो जाता है तो कोई बहुत ही चहचहाती बच्ची गुमसुम रहने लगती है. ऐसे में कई बार माता-पिता (Parents) के लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि बच्चे से कैसे बात करें या उसे क्या समझाएं और क्या नहीं. यह परेशानी तब बढ़ती है जब टीनेजर्स के मूड स्विंग्स शुरू होते हैं. शायद 'पल में शोला पल में माशा' टीनेजर्स (Teenagers) के लिए कहा गया होगा. ये एक मिनट खुश होते हैं तो दूसरे मिनट ही इन्हें अकेले रहने की धुन लग जाती है.
टीनेज बच्चे अक्सर माता-पिता से कटे-कटे रहने लगते हैं. बच्चों के पैरेंट्स से झगड़े भी बढ़ जाते हैं और कई बार पैरेंट्स बच्चों को जरूरस से ज्यादा डांट-डंपट देते हैं जिसके भी अपने ही कई नुकसान हैं. अगर आप भी टीनेजर्स के माता-पिता हैं तो जानिए टीनेज बच्चों के मूड स्विंग्स (Mood Swings) से आप किस तरह डील कर सकते हैं या उन्हें कैसे हैंडल किया जाए.
टीनेजर्स के मूड स्विंग्स से कैसे करें डील | How To Deal With Teenagers' Mood Swings
बच्चों की स्थिति को समझेंमाता-पिता के लिए यह समझना बेहद जरूरी है कि टीनेजर्स का गुस्सा या चिड़चिड़ाहट हार्मोंस के कारण बढ़ता है. टीनेज में शरीर इतने बदलावों से गुजरता है कि संयम बनाए रखना कठिन हो जाता है. लेकिन, आपको अपना संयम बनाए रखना है और उनकी स्थिति को समझना है. उन्हें किसी बात पर सुनाते रहना या यह कहना कि वे नखरे दिखा रहे हैं, समस्या का इलाज नहीं है.
टीनेजर्स किसी बात पर गुस्सा करके चिल्ला रहे हैं, घर सिर पर उठाए रखा है या फिर किसी बात से परेशान होकर खुद को बुरा-भला कह रहे हैं तो उनकी इस आग में घी डालने का काम ना करें. कोशिश करें कि आप खुद पर काबू रखें और समस्या का हल ढूंढें. दोनों तरफ से वार-पलटवार स्थिति को बिगाड़ता ही है.
बच्चे खासकर टीनेजर्स माता-पिता से बातें करने में या कहें अपनी हर एक बात साझा करने में हिचक महसूस करते हैं और इसीलिए अपनी परेशानियों को माता-पिता से छुपाने लगते हैं. अगर आप देख रहे हैं कि आपका बच्चा किसी उलझन में है तो उससे बात करने की कोशिश करें. हो सकता है कि वह खुलने लगे. लेकिन, अगर बच्चा बात नहीं करना चाहता तो उसपर दबाव ना बनाए. बच्चे की 'ना' का सम्मान करें. ऐसा ना हो कि बच्चे ने कुछ बताने से मना किया तो आप उसी को सुनाना शुरू कर दें.
माता-पिता होने के नाते आपका फर्ज है कि आप अपने बच्चे को किशोरावस्था (Teenage) से अवगत कराएं. उसे बताएं कि इस उम्र में शरीर कई बदलावों से गुजरता है और यह नॉर्मल है. बताएं कि मूड स्विंग्स टीनेज का ही एक पार्ट है और इनकी असल वजह हार्मोंस हैं. बच्चे को बताएं कि उसे इन मूड स्विंग्स को कंट्रोल करने की कोशिश करनी होगी बजाए इन्हें अपने ऊपर हावी करने के. ऐसा ना करने पर टीनेजर्स घर-परिवार में ही नहीं बल्कि बाहर दोस्तों से भी अपने रिश्ते खराब कर सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.