Children's Health: न्यूबॉर्न बेबी की जितनी केयर करना मुश्किल है, उससे ज्यादा कठिन है बच्चे के प्राइवेट पार्ट की सफाई रखना. कई बार नए माता-पिता को समझ ही नहीं आता है कि बच्चे के अंगों की साफ-सफाई कैसे की जाए. यही नहीं न्यू बॉर्न बॉय यानी लड़कों के प्राइवेट पार्ट को लेकर तो कई मिथक हैं जिन्हें कई एक्सपर्ट्स समय-समय पर बताते रहते हैं. बच्चों के डॉक्टर डॉ. मोहित सेठी भी इसी बारे में बात कर रहे हैं. असल में कई नवजात बच्चों का प्राइवेट पार्ट (Genitals) बंद नजर आता है जिसे दादी-नानी या माता-पिता खोलने की कोशिश करते हैं. डॉ. मोहित बताते हैं कि ऐसा नहीं करना चाहिए, साथ ही वे हाइजीन मेंटेन करने की सलाह भी दे रहे हैं.
किस तरह बच्चे के प्राइवेट पार्ट को रखें साफ
डॉक्टर मोहित का कहना है कि बच्चे के पेशाब करने की जगह अगर बंद नजर आ रही है यानी फोरस्किन बंद दिख रही है तो उसे जबरदस्ती खोलने की कोशिश नहीं करनी है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह नेचुरल प्रोटेक्शन है. इसे तेल डालकर खोलने की कोशिश नहीं करना चाहिए. बच्चा जब नैपी में पेशाब करता है तो उससे अमोनिया निकलता है जो स्किन के अंदर घुस सकता है इसीलिए स्किन शुरूआती दिनों में बंद रहना नॉर्मल होता है.
नवजात बेटे के प्राइवेट पार्ट की स्किन (Foreskin) जुड़ी हुई नजर आती है. यह जगह खुद ही कुछ महीनों के अंतराल पर खुलने लगती है. 50 फीसदी बच्चों के पेशाब की जगह 1 साल की उम्र तक खुल जाती है और 4 साल की उम्र तक सभी बच्चों का प्राइवेट पार्ट खुलने लगता है. अगर बच्चे का यौन अंग लाल नजर आए, इंफेक्शन होने लगे, बच्चे को बुखार चढ़ जाए या फिर पेशाब करने में दिक्कत हो तब डॉक्टर को दिखाना शुरू करना है. अगर बच्चा पेशाब कर पा रहा है लेकिन देखने में ऐसा लग रहा है कि जगह बंद है तो छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए.
बच्चे के प्राइवेट पार्ट को साफ करने को लेकर डॉक्टर कहते हैं कि उन्हें नहलाते समय हल्का सा प्राइवेट पार्ट की स्किन को पीछे कर सकते हैं. लेकिन, ऐसा करने के दौरान बच्चा रोना नहीं चाहिए और उसे दर्द नहीं होना चाहिए.
बेटे के प्राइवेट पार्ट (Private Part) को साफ करने के लिए पानी का ही इस्तेमाल करें. पानी गुनगुना लें, ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल ना करें. किसी तरह की जोर-जबरदस्ती से सफाई करने की कोशिश ना करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.