एक कप चाय में कितनी चाय पत्ती डालनी चाहिए? जानिए स्वाद और सेहत के लिए कितनी मात्रा है सही

How much chai patti is good for your chai: अगर पत्ती ज्यादा डाल दी जाए तो चाय कड़वी और तेज हो जाती है और अगर कम हो तो उसका रंग, खुशबू और स्वाद फीका पड़ जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं एक कप चाय में कितनी चाय पत्ती डालनी चाहिए.

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कितनी चाय पत्ती डालनी चाहिए?

How much chai patti is good for your chai: हम भारतीय चाय पीने के बड़े शौकीन होते हैं. कई लोगों के दिन की शुरुआत ही गर्म चाय की प्याली के साथ होती है. अब, अलग-अलग लोगों का चाय पीने का तरीका भी अलग होता है. किसी को कड़क चाय पसंद होती है, तो कोई हल्की और दूधिया चाय पीना पसंद करता है. वहीं, कई लोगों का कहना होता है कि उन्हें किसी खास इंसान के हाथ से बनी चाय ही पसंद आती है. या वे लाख कोशिश क्यों न कर लें उनकी बनी चाय में उतना स्वाद नहीं आ पाता है. अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं, तो बता दें कि चाय के स्वाद और असर का सबसे बड़ा राज छिपा होता है, चाय पत्ती की सही मात्रा में. अगर पत्ती ज्यादा डाल दी जाए तो चाय कड़वी और तेज हो जाती है और अगर कम हो तो उसका रंग, खुशबू और स्वाद फीका पड़ जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं एक कप चाय में कितनी चाय पत्ती डालनी चाहिए.

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कितनी चाय पत्ती डालनी चाहिए?  

एक परफेक्ट कप चाय के लिए आमतौर पर एक कप पानी या दूध के लिए एक टीस्पून यानी लगभग दो ग्राम चाय पत्ती सबसे सही मानी जाती है. इससे चाय न तो बहुत कड़क बनती है, न ही बहुत हल्की. अगर आपको थोड़ा ज्यादा गाढ़ा स्वाद पसंद है तो डेढ़ टीस्पून पत्ती डाल सकते हैं लेकिन उससे ज्यादा नहीं.

इसके अलावा अलग-अलग किस्म की चाय के लिए भी मात्रा थोड़ी बदल सकती है. जैसे असम टी स्वाद में ज्यादा गाढ़ी होती है, इसलिए उसकी पत्ती थोड़ी कम चलेगी लेकिन अगर आप दार्जिलिंग चाय पीते हैं तो और अच्छे फ्लेवर के लिए आप थोड़ी ज्यादा मात्रा भी डाल सकते हैं.  

सेहत पर कैसा होता है चाय पत्ती का असर?

बात सेहत की करें, तो चाय पत्ती में कैटेचिन और थीफ्लेविन जैसे एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं. ये बॉडी में इंफ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं. लाइफ साइंस में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, नियमित और सीमित मात्रा में चाय पीने से दिल की सेहत बेहतर रहती है, पाचन सुधरता है और मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है. लेकिन अगर चाय पत्ती ज्यादा डाल दी जाए, तो उसमें कैफीन और टैनिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे एसिडिटी, बेचैनी और नींद न आने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. ऐसे में चाय बनाते समय हमेशा नापकर और जरूरत के हिसाब से ही चाय पत्ती का इस्तेमाल करें. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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