छोटे बच्चों को कितनी देर में दूध पिलाना चाहिए? डॉक्टर ने बताया 1 महीने का बच्चा रात में कितनी बार दूध पीता है

What is the normal duration of breastfeeding: ज्यादातर महिलाओं के मन में अक्सर सवाल होता है कि बच्चे को कितनी देर में दूध पिलाना चाहिए? आइए जानते हैं इस बार में-

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
6 महीने से छोटे बच्चों को कब-कब दूध पिलाएं?

Parenting Tips: नई मां के लिए बच्चे की फीडिंग सबसे बड़ा सवाल बनी रहती है. ज्यादातर महिलाओं के मन में अक्सर सवाल होता है कि बच्चे को कितनी देर में दूध पिलाना चाहिए? खासतौर पर रात में, जब बच्चा सो रहा होता है, तब समझ नहीं आता कि उसे जगाकर दूध देना चाहिए या नहीं. अगर आप भी इन्हीं महिलाओं में से एक हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए मददगार हो सकता है. इस विषय पर पिडियाट्रिशियन मोहित सेठी ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर ने सही जानकारी दी है. आइए जानते हैं इस बार में- 

गाय या भैंस, बच्चे को किसका दूध पिलाना चाहिए? डॉक्टर से जान लें जवाब

6 महीने से छोटे बच्चों को कब-कब दूध पिलाएं?

पिडियाट्रिशियन बताते हैं, नवजात और 6 महीने तक के बच्चों को हर 2–3 घंटे पर दूध पिलाना जरूरी होता है. इसका मतलब है कि 24 घंटे में लगभग 8–12 बार फीड करवाना चाहिए. बार-बार दूध पिलाने से बच्चे का वजन सही बढ़ता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती है.

रात में फीडिंग कितनी बार करें?

बहुत बार माता-पिता सोचते हैं कि रात में बच्चा अगर सो रहा है तो उसे जगाकर दूध देना जरूरी नहीं है. हालांकि, डॉक्टर बताते हैं कि रात में फीडिंग का गैप 3–4 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए. अगर बच्चा 3 घंटे से ज्यादा सो रहा है, तो उसे हल्के से जगाकर दूध पिलाएं. इससे ब्लड शुगर और हाइड्रेशन में कमी नहीं होती है.

कब से फीडिंग गैप बढ़ाया जा सकता है?

लगभग 1.5 महीने (6 हफ्ते) की उम्र के बाद अगर बच्चा हेल्दी है, बच्चे का वजन ठीक तरह से बढ़ रहा है और बच्चा फुल-टर्म में जन्मा है, तो रात के फीडिंग गैप थोड़ा बढ़ सकता है. फिर भी, दिन में फीडिंग बार-बार जारी रखनी चाहिए क्योंकि बच्चे का पेट छोटा होता है और उसे थोड़ी-थोड़ी देर में ही एनर्जी मिलती है.

किन बच्चों को अधिक बार फीड देना जरूरी है?

पिडियाट्रिशियन कहते हैं कुछ स्थितियों में फीडिंग में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. जैसे- 
कम वजन में जन्मे बच्चे, प्रीमैच्योर (समय से पहले जन्मे) बच्चे या पीलिया (जॉन्डिस) होने की स्थिति में बच्चों को हर 2-3 घंटे पर, रात में भी, फीड कराना बहुत जरूरी है ताकि वे जल्दी रिकवर कर सकें और उनका वजन सही तरह से बढ़ सके.

सिर्फ टाइम नहीं, इन बातों पर भी दें ध्यान 

डॉक्टर सेठी के मुताबिक, फीडिंग हमेशा घड़ी देखकर नहीं होनी चाहिए. बच्चे के हंगर क्यूज भी पहचानें. जैसे- होंठ चाटना, चूसने की हरकतें करना, रोना, हाथ मुंह में डालना आदि. अगर बच्चा ये सब चीजें करें, तो समझ जाएं कि वो भूखा है, ऐसे में उसे तुरंत दूध पिलाएं.

Advertisement

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Yo Yo Honey Singh: Moose Wala के गाने, Badshah से बहस और नशे की लत पर EXCLUSIVE और UNFILTERED!
Topics mentioned in this article