How to fix a shifted navel: आयुर्वेद में नाभि को शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, हमारी नाभि शरीर की 72,000 नाड़ियों से जुड़ी होती है. खासकर ये डाइजेस्टिव एनर्जी यानी पाचन शक्ति का केंद्र होती है. हालांकि, कई बार भारी वजन उठाने, गलत तरीके से एक्सरसाइज करने, अधिक तनाव या थकान के कारण, पेट पर चोट लगने या ज्यादा देर तक खाली पेट रहने से ये अपनी जगह से खिसक जाती है. इससे व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है. इसे लेकर मशहूर आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में उन्होंने बताया है कि नाभि खिसकने पर शरीर में किस तरह के लक्षण नजर आते हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में, साथ ही जानेंगे नाभि को अपनी जगह पर वापस लाने के लिए क्या करना चाहिए.
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मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरी नाभि शिफ्ट हो गई है?
श्वेता शाह बताती हैं, मेरे पास कई क्लाइंट्स आते हैं जिन्हें पेट से जुड़ी दिक्कतें होती हैं लेकिन उनकी रिपोर्ट्स पूरी तरह नॉर्मल होती है. अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो ये नाभि के खिसकने के कारण हो सकता है. अगर आपको लगातार पेट से जुड़ी दिक्कतें जैसे गैस, एसिडिटी, कब्ज या दस्त से जूझना पड़ रहा है लेकिन मेडिकल रिपोर्ट्स में सब कुछ सामान्य आ रहा है, तो ये समस्या नाभि के खिसकने या नाभि शिफ्ट की हो सकती है. कई बार नाभि अपनी जगह से थोड़ा ऊपर, नीचे या साइड में खिसक जाती है.
नाभि शिफ्ट होने के लक्षण- श्वेता शाह के अनुसार, अगर आपको लगातार एसिडिटी, पेट में गैस, सीने में जलन जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, तो समझ जाएं कि आपकी नाभि ऊपर खिसक गई है.
- नाभि नीचे खिसक जाने पर व्यक्ति को लूज मोशन यानी दस्त की समस्या परेशान करती है.
- वहीं, नाभि दाईं या बाईं तरफ खिसक जाए, तो कब्ज, अपच और भूख न लगना जैसी परेशानी होती हैं.
- इसके अलावा, पेट में खिंचाव, दर्द, टेढ़ापन महसूस होना भी नाभि शिफ्ट का संकेत हो सकता है.
इस सवाल को लेकर न्यूट्रिशनिस्ट कहती हैं, नाभि का शिफ्ट होना कोई गंभीर रोग नहीं है, लेकिन यह पाचन और एनर्जी बैलेंस को प्रभावित कर सकता है. नाभि की जांच आमतौर पर पल्स या स्पर्श विधि से की जाती है, जिसे अनुभवी वैद्य या थैरेपिस्ट ही कर सकते हैं. कोई मेडिकल टेस्ट इसे नहीं दिखाता है. ऐसे में अगर आपके पाचन से जुड़ी समस्या बार-बार लौट आती है, लेकिन रिपोर्ट में कारण नहीं मिल रहा है, तो किसी आयुर्वेदिक जानकार से एक बार नाभि की जांच करा लें.
इन बातों का रखें ध्यान
- इससे अलग श्वेता शाह पेट पर हल्के हाथों से नारियल तेल या घी की मालिश करने की सलाह देती हैं.
- गहरी और धीमी सांस लेने की प्रैक्टिस करें.
- इन सब से अलग बहुत भारी वजन न उठाएं और अचानक झुकने से बचें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.