Seelan Theek Karne Ka Gharelu Nuskha: बरसात का मौसम जहां ठंडक और सुकून देता है. लेकिन इसके साथ ही घरों में सीलन की समस्या भी बढ़ा देता है ( How to fix ceiling dampness). दीवारों और छतों में जमा नमी से प्लास्टर झड़ने लगता है, फंगस उग जाती है और घर की खूबसूरती बिगड़ने लगती है. बाजार में वॉटरप्रूफिंग (waterproofing at home) के काफी महंगे तरीके मौजूद हैं, लेकिन ये सब के बजट में नहीं होते. ऐसे में कुछ आसान और घरेलू उपायों से इस समस्या से राहत पाई जा सकती है.
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सीलन का कारण और उसका असर
बरसात के समय छत पर पानी का जमा होना, पुरानी दरारें, ढलान का सही न होना या खराब वॉटरप्रूफिंग सीलन की बड़ी वजहें हैं. पानी धीरे-धीरे रिसकर दीवारों के अंदर चला जाता है. इससे पेंट खराब हो जाता है, प्लास्टर झड़ने लगता है और फंगस या बदबू भी फैल सकती है. इससे घर कमजोर होने का खतरा रहता है. इससे बचने के लिए आप चूना और चारकोल को मिलाकर एक घरेलू उपाय तयार कर सकते हैं.
चूना और चारकोल से घरेलू वॉटरप्रूफिंग
छत की अच्छी सफाई करें
- सबसे पहले छत को साफ करें. मिट्टी, धूल, काई और टूटे हुए प्लास्टर को हटा दें. अगर कहीं दरारें हैं तो उन्हें सीमेंट और वॉटरप्रूफिंग कंपाउंड से भर दें.
वॉटरप्रूफिंग मिलाकर तैयार करें
- लकड़ी के कोयले को बारीक पीस लें. एक बाल्टी में चूना लें और उसमें पिसा हुआ चारकोल मिला दें. धीरे से पानी डालते हुए इसे अच्छी तरह मिलाएं. घोल इतना गाढ़ा होना चाहिए कि पेंट की तरह फैलाया जा सके.
छत पर घोल लगाएं
- इस घोल को पुराने वाइपर या झाड़ू की मदद से पूरे छत पर समान रूप से फैला दें. यह परत छत को सीलन से बचाने में मदद करेगी.
सूखने के बाद दोबारा लगाएं
- घोल को पूरी तरह सूखने में 24 से 48 घंटे लग सकते हैं. इसे धूप वाले दिन लगाना अच्छा होगा. ज्यादा सीलन हो तो दूसरी परत भी लगाएं.
चूना सूखने के बाद एक मजबूत वॉटरप्रूफिंग परत बनाता है जो फंगस और काई को दूर रखती हैं. चारकोल में नमी सोखने की शक्ति होती है. दोनों मिलकर छत की मजबूती बढ़ाते हैं और सीलन को दूर रखते हैं. चूना और चारकोल जैसे सस्ते और घरेलू उपाय से आप बरसात में घर को सीलन से बचा सकते हैं.
प्रस्तुति: इशिका शर्मा