Holi 2023: होली का नाम लेते ही गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे और रंग-बिरंगे पानी से भरी बाल्टियां याद आने लगती हैं. साथ ही, ढेर सारे और अलग-अलग तरह के पकवान भी जिनकी खुशबू ही सभी को घर के अंदर लौट आने पर मजबूर करती है. बच्चों की बात करें तो होली बच्चों (Children) लिए उधम मचाने वाला त्योहार होता है. इस त्योहार में उनकी तेजी के आगे तो बड़े-बड़े हार जाते हैं. लेकिन, बच्चे लापरवाह होकर जो रंग हाथ आया एक-दूसरे को लगाने लगते हैं, गंदे हाथों को ही खाने में डाल लेते हैं और गुब्बारे में पानी भरना हो तो उन्हें गंदे पानी से भी कोई गुरेज नहीं होता. लेकिन, बच्चों की यही लापरवाही माता-पिता पर भारी पड़ जाती है. ऐसे में होली के दौरान बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए माता-पिता (Parents) को कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए. इससे बच्चे की सेहत से भी समझौता नहीं होगा और वह होली का त्योहार पूरे मनोहार से मना सकेगा.
होली के रंगों से बच्चों को सुरक्षित कैसे रखें | How To Keep Children Safe From Holi Colours
सही कपड़े पहनाएं
होली का त्योहार मना रहे हैं तो जायज सी बात है कि कपड़े भी होली के हिसाब से ही पहनाए जाने में समझदारी है. होली पर बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जिनसे उनकी त्वचा पर रंगों से किसी तरह का प्रभाव ना पड़े. बच्चों को होली खेलने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनाकर भेजें. बच्चे निक्कर या शॉर्ट्स पहन रहे हैं तो उनके हाथ-पैरों पर पेट्रोलियम जैली जरूर लगा दें या फिर पूरे शरीर पर नारियल तेल मलें. इससे रंग (Holi Colours) बच्चों की त्वचा पर नहीं टिकेंगे.
बच्चों को होली के लिए सिंथेटिक, टॉक्सिक या मिलावटी रंग दिलाने के बजाय आप नेचुरल, हर्बल (Herbal Colours) और नॉन-टॉक्सिक रंग ला सकते हैं. इन रंगों को छुड़ाना भी आसान होता है और यह स्किन को प्रभावित नहीं करते. साथ ही, नाक या कान में ये रंग चले जाएं तो तकलीफ ज्यादा नहीं होती.
बच्चों को होली पर पानी वाले गुब्बारे एक-दूसरे पर फेंकने में अलग ही मजा आता है. पानी वाले गुब्बारे आंख, नाक, कान या शरीर पर चोट का कारण बन सकते हैं. ऐसे में बच्चों को कहें कि गुब्बारे से बचकर रहें और दूसरे बच्चों पर भी गुब्बारे ना फेंकें.
सुनने में अजीब लग सकता है कि भला बच्चों को होली खेलना कैसे सिखाते हैं, होली सिखानी वाली चीज थोड़े ही है यह तो सबको आती है. अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो आप गलत हैं. असल में होली खेलने के भी कुछ नियम और एटिकेट्स होते हैं. बच्चों को समझाएं कि किसी के नाक, कान या मुंह में रंग डालने की कोशिश ना करें. किसी के चेहरे पर पिचकारी से पानी ना मारें और ना ही किसी बच्चे के साथ जबरदस्ती उठापटक करें.