Hindi Diwas: हर साल 14 सिंतबर के दिन भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है. इस दिन विद्यालय या कॉलेज में हिंदी दिवस के समारोह का आयोजन होता है, गोष्ठियां होती हैं जिसमें विद्यार्थी और शिक्षक सभी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. साथ ही, हिंदी दिवस का भाषण भी होता है. कई बार यह भाषण (Hindi Diwas Speech) हिंदी भाषा के महत्व पर होता है तो कभी किसी अन्य महत्वपूर्ण विषय पर अपनी बात रखी जाती है. अक्सर भाषण से पहले घबराहट भी होने लगती है और समझ आना बंद हो जाता है कि भाषण की शुरूआत कैसे करें और अंत में क्या बोलें. यहां ऐसे ही कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपको एक अच्छा भाषण देने में मदद करेंगे.
हिंदी दिवस पर भाषण के टिप्स | Hindi Diwas Speech Tips
अपने भाषण का मकसद सोचें
हिंदी दिवस पर हिंदी के महत्व (Importance of Hindi) पर वही सालों से चली आ रही स्पीच सभी देते हैं. इस दिन को मनाने का कारण और आरंभ की तारीख भी अक्सर भाषण में सम्मिलित की जाती है. लेकिन, अपने भाषण को सचमुच सभी के दिल तक पहुंचाने के लिए किसी मकसद के बारे में सोचें. हिंदी का ही ऐसा कोई विषय लें जिससे लोग जुड़ाव महसूस कर सकें. हिंदी की क्षति और बदलते समय में देसी भाषाओं के विदेशी भाषाओं से पिछड़ जाने जैसी बातों को भी अपने भाषण का हिस्सा बनाएं.
भाषण देते हुए अक्सर लोग उन बातों का जिक्र करने लगते हैं जो सदियों पुरानी भूली-बिसरीं हो जो बड़े दर्शकों को तो समझ आ सकती हैं लेकिन अगर आपके समक्ष विद्यार्थी बैठें हों तो उनके लिए साफ शब्दों में ऐसे उदाहरण बताएं जो उन्हें आसानी से समझ आ सकें और जिनसे वे खुदको जोड़ सकें.
भाषण आपको चाहे कितने ही अच्छे से याद हो जाए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना जरूरी है. इससे आप अगर हड़बड़ा भी जाएंगे तो आपको पता होगा कि अपनी पर्ची पर नजर मार सकते हैं, साथ ही आप किसी महत्वपूर्ण बिंदु को नहीं भूलेंगे.
हिंदी दिवस पर भाषण के लिए आपको इंटरनेट पर एक से बढ़कर एक भाषण जरूर मिल जाएंगे लेकिन उनमें से किसी में भी वो बात नहीं होगी जो आपके खुदके लिखे हुए भाषण में नजर आएगी. निम्न कुछ बिंदुओं (Points) की मदद से अपना हिंदी दिवस का भाषण लिखें.
- हिंदी दिवस के इतिहास (Hindi Diwas History) पर एक नजर
- क्यों महत्वपूर्ण है हिंदी दिवस मनाना
- आज के समय में हिंदी का स्तर
- आज के समय में हिंदी दिवस मनाने की प्रासंगिकता
- आपके जीवन को हिंदी कैसे प्रभावित करती है
- सोशल मीडिया और हिंदी
- अंत में, हिंदी का महत्व हमारे लिए कल, आज और कल.
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