Heart patient diet: दिल के रोगी आज आपको लगभग हर घर में मिल जाएंगे. हार्ट डिजीज (heart disease) के पीछे का कारण बहुत ज्यादा तनाव (Hypertension), वजन का बढ़ना (unhealthy weight), बैड कोलेस्ट्रॉल (bad Cholesterol) का होना है. और इन सब बीमारियों की सबसे बड़ी वजह हमारी खराब दिनचर्या है जिससे हमारी शरीर बीमारियों का घर बन जाती है. ऐसे में सबसे पहले हमें अपनी दिनचर्या को ठीक करने की जरूरत है. इस आर्टिकल में हम आपको दिल की बीमारी ( Heart patient) से जूझ रहे लोगों को अपने खानपान में किन चीजों को शामिल करना चाहिए के बारे में बात करेंगे. यहां आपको 3 ऐसे आहार बताएंगे जिसे आपको डाइट चार्ट (Heart patient diet chart) में शामिल जरूर कर लेना चाहिए.
दिल के रोगियों की थाली में ये 3 आहार करेंशामिल | 3 foods for heart patient
सब्जियां से भरी हो थाली
अगर आपके घर में कोई हार्ट पेशेंट (heart patient), डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल की बीमारी से जूझ रहा है तो उसकी खाने की थाली में बदलाव करने की जरूरत है. आपको उनके खाने में रंग बिरंगी सब्जियां (Vegetable) देनी चाहिए. इन्हें आप दो तरीके से दे सकती हैं, पहला सलाद के रूप में दूसरा पकाकर. आपको बता दें कि हरी सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) होता है जो हमारे दिल के स्वास्थ्य (healthy heart ) के लिए बहुत लाभदायक है.
फल है जरूरी
दिल की बीमारी में आपको अपने खाने में हरी सब्जियों के साथ-साथ मौसमी फलों (seasonal fruits) को भी शामिल करने की जरूरत है. क्योंकि इनमें फाइबर (fiber) और मिनरल्स (minerals) होता है. आपको उन फलों का सेवन ज्यादा करना है जिसमें विटामिन सी (vitamin c fruits) है, जैसे- अमरूद, कीनू व अनार, एवोकाडो, सेब, संतरा आदि फायदेमंद फल हैं.
अनाज है सबसे जरूरी
इन बीमारियों में दाल,ओट्स और जौ को शामिल कर लेना चाहिए. दाल में हाई प्रोटीन (high protein) और फाइबर (fiber) होता है, जो आपके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (bad cholesterol) को जमा नहीं होने देता है, जबकि जौ में बीटा ग्लूकॉन (beta glucan) होता है. ये भी आपके अंदर खराब कोलेस्ट्रॉल को जमा नहीं होने देता है. वहीं ओट्स (oat) में भी बीटा ग्लूकॉन नाम का फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.