Diabetes:आज की लाइफस्टाइल में डायबिटीज जैसी बीमारियां आम हो चुकी हैं. हर दूसरे शख्स का शुगर लेवल (Sugar Level) बढ़ा हुआ होता है. जिसके लिए वो दवाओं का सहारा लेते हैं, यहां तक कि कुछ लोगों को इसके लिए इंसुलिन (Insulin) तक लेनी पड़ती है. इसमें कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनका शुगर लेवल कुछ वक्त बाद नॉर्मल होने लगता है. ऐसे में वो कंफ्यूज रहते हैं कि शुगर की दवाई खाएं या फिर इन्हें बंद कर दें. ज्यादातर लोग खुद को एकदम फिट मानकर दवाओं से दूरी बना लेते हैं. आज हम आपको इसी सवाल का जवाब दे रहे हैं कि ऐसे में आपको क्या करना चाहिए.
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दवाओं से मिल जाता है छुटकारा?
अब अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो ये सोचते हैं कि शुगर लेवल नॉर्मल होने के बाद दवाओं से छुटकारा मिल जाएगा तो आप गलत हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि डायबिटीज दवाओं से ही कंट्रोल किया जा सकता है, यानी आप दवाएं खा रहे हैं, उसकी वजह से ही आपका शुगर लेवल कंट्रोल में है. जैसे ही आप दवा छोड़ देंगे वो बढ़ना शुरू हो जाएगा. 10 में से दो लोगों के साथ ऐसा होता है कि उनकी लाइफस्टाइल बदलने के चलते शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहे. बाकी शुगर पेशेंट्स को दवाओं का ही सहारा लेना पड़ता है.
दवा बंद करने से क्या होगा?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि दवाएं बीच में बंद करना खतरनाक हो सकता है. इससे शुगर लेवल अचानक बढ़ जाएगा और आपको पता भी नहीं चलेगा. ऐसे में लगातार दवाओं का सेवन करना चाहिए. इससे हमेशा आपका शुगर लेवल कंट्रोल रहेगा. अगर आप दवाएं रोक लेते हैं तो आने वाले वक्त में आपको ज्यादा परेशानी हो सकती है और फिर इंसुलिन इंजेक्शन लेने के आलावा आपके पास कोई भी दूसरा विकल्प नहीं होगा.
बेहद खतरनाक है शुगर
बता दें कि शुगर भले ही दिखने वाली बीमारी नहीं है, लेकिन ये काफी खतरनाक साबित हो सकती है. शुगर होने के बाद लोगों को कई चीजों में परहेज करना होता है, खासतौर पर मीठे से दूरी बनानी होती है. शुगर लेवल हद से ज्यादा बढ़ने पर गंभीर बीमारी हो सकती है और एक वक्त ऐसा आता है जब आपके शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता भी खत्म हो जाती है. ऐसे में सभी डायबिटीज के मरीजों को अपनी दवाएं वक्त पर लेनी चाहिए और हफ्ते में कम से कम तीन बार शुगर चेक करना चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.