Healthy Tips: गिलोय को अक्सर इम्यूनिटी बढ़ाने वाले काढ़े के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, बुखार, खांसी-जुकाम या अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों में गिलोय के तने (Giloy Stem) और पत्तों (Giloy Leaves) को कच्चा भी खाते हैं. कहते हैं ना अति किसी भी चीज की बुरी होती है, बिल्कुल उसी तरह घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल होने वाली गिलोय अगर जरूरत से ज्यादा खाई जाए तो शरीर को फायदे से ज्यादा नुकसान पंहुचा सकती है. आइए जानें गिलोय (Giloy)के अत्यधिक सेवन से व्यक्ति को किस तरह की परेशानियों से दोचार होना पड़ सकता है.
गिलोय को अमृता या गुडुची के नाम से भी जाना जाता है, इसे आमतौर पर इम्यूनिटी (Immunity) बूस्ट करने और पाचन को बेहतर करने के लिए खाया जाता है. इसके तने को सबसे फायदेमंद मानते हुए इससे काढ़ा बनाया जाता है, साथ ही रातभर भिगोय रखने के बाद गिलोय के पानी को डायबिटीज के रोगी भी पीते हैं. लेकिन, किसी भी व्यक्ति को गिलोय के जरूरत से ज्यादा सेवन से पहले निम्न नुकसान जान लेने चाहिए.
गिलोय का एक दुष्प्रभाव है कि इसके अत्यधिक सेवन से कब्ज (Constipation) होने की संभावना बढ़ जाती है. यदि व्यक्ति सीमित मात्रा से ज्यादा गिलोय खाता है तो उसके पेट में दर्द और मलत्याग में दिक्कत हो सकती है.
गिलोय को ब्लड प्रेशर को कम करने वाला भी माना जा सकता है. हालांकि, इसके सीमित मात्रा में सेवन करने पर यह दिक्कत नहीं होती है लेकिन जैसाकि पहले भी जिक्र किया गया है कि सेहत के लिए गिलोय का अत्यधिक सेवन नुकसानदेह है. इन्हीं साइड इफेक्ट्स (Side Effects) में से एक ब्लड प्रेशर कम हो जाने की समस्या भी है.
गिलोय के ज्यादा सेवन से दस्त की दिक्कत भी हो सकती है, खासकर उन्हें जो गिलोय का काढ़ा बनाकर पीते हैं. गिलोय का काढ़ा बुखार कम करने के लिए भी पिया जाता है लेकिन इस गर्म काढ़े को दिन में एक से दो बार ही पिया जाना बेहतर है. इसका अत्यधिक सेवन दस्त (Loose Motions) और जी मिचलाने का कारण बन सकता है.
गिलोय जरूरत से ज्यादा खा लेने पर शरीर का ब्लड शुगर लेवल अत्यधिक मात्रा में गिर सकता है जोकि सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होता है. सेहत को दुरुस्त रखने के लिए ब्लड शुगर लेवल्स (Blood Sugar Levels) का संतुलित होना आवश्यक है. इसलिए भी गिलोय का कम सेवन ही अच्छा है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.