Digestion को करना है मजबूत तो अपनाएं ये आयुर्वेदिक नियम, कभी नहीं होगी कब्ज और लूज मोशन की परेशानी

Ayurvedic tips for stomach : सही डाइट लेने के बावजूद पेट ठीक नहीं रहता है, कच्ची डकार, गैस, मितली आने की समस्या बनी हुई है तो आपको कुछ आयुर्वेदिक नियमों का पालन करना शुरू कर देना चाहिए.

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Digestive system को मजबूत बनाने के लिए आपको वसा वाले पदार्थों को त्यागना पड़ेगा.

Upset Stomach : पेट की सेहत से हमारे संपूर्ण शरीर का स्वास्थ्य जुड़ा होता है. इसलिए हमें इसका विशेष ध्यान रखना पड़ता है. हमें अपने खाने-पीने में कई ऐसी चीजें शामिल (diet for stomach) करनी होती है जिससे हमारा स्वास्थ अच्छा बना रहे. लेकिन आपके सही डाइट लेने के बावजूद पेट ठीक नहीं (upset stomach) रहता है, कच्ची डकार, गैस, मितली आने की समस्या बनी हुई है तो आपको कुछ आयुर्वेदिक नियमों (ayurvedic tips) का पालन करना शुरू कर देना चाहिए. 

पाचन शक्ति के लिए आयुर्वेदिक नियम | Ayurvedic rules for digestion


-पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए दही का रायता जरूर खाएं. इससे पेट को ठंडक मिलती है. भोजन के के साथ सलाद न खाएं, बल्कि कुछ देर के बाद सेवन करें.

-खाना खाते वक्त फोन का इस्तेमाल न करें और न हीं टीवी देखें. इससे आपके शरीर को पोषण अच्छे से मिल पाता है. वहीं, हींग और जीरा का लगे तड़के वाला छांछ पीने से कब्ज और लूज मोशन की समस्या नहीं होती है. 

-भोजन के बाद सौंफ और मिश्री खाने से खाना अच्छे से पच जाता है. इसके लिए हरक की गोलियां और घरेलू चूर्ण भी पेट के लिए फायदेमंद होते हैं. त्रिफला चूर्ण के सेवन से भी पेट मजबूत होता है.

-भोजन से पहले नींबू के रस में अदरक किस कर और एक चुटकी काला नमक मिलाकर खाने से पेट की समस्या नहीं होती है. खाना अच्छे ढंग से पच जाता है.

-वहीं अपच की समस्या से निजात पाने के लिए आपको नियमित रूप से खान पान में फाइबर (fiber for healthy stomach) को शामिल कर लेना चाहिए. ड्राई फ्रूट्स ओट्स, दलिया आदि के सेवन से पाचन की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है.

-पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए आपको वसा वाले पदार्थों को त्यागना पड़ेगा. अगर आप अलसी, चिया सीड्स और ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसी रिच डाइट लेने से डाइजेसटिव सिस्टम (digestive system) मजबूत होगा.

अस्वीकरण : सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


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