Health Tips: बाजार का खाने पीने से, सेहत पर ध्यान नहीं देने और खराब लाइफस्टाइल फौलो करने की वजह से पेट सी जुड़ी बीमारियां होना आम बात हैं. एसिडिटी (Acidity) की समस्या आज हर दस में से सात व्यक्ति को है. इससे आगे खट्टी डकार आती है या भारीपन जैसा लगता है. कई लोगों को इसके पीछे की वजह का पता नहीं होता हैं. ऐसे में इन 7 योगासनों से काफी राहत मिल सकती है. बाजार की चीजों में तेल और मसालों की मात्रा काफी अधिक होती हैं. इसको पचाने के लिए पेट में सामान्य से अधिक एसिड (Acid) बनता है. मगर यह अतिरिक्त एसिड बाद में हाइपरएसिडिटी की समस्या करता है. इससे शरीर में कई प्रकार की बीमारियां जैसे, अपच, खट्टी डकार, पेट में भारीपन, गैस, सीने में जलन, वगैराह जन्म लेती हैं. ऐसे हाल में अकसर लोग दवाइयों का सेवन करना शुरू कर देते हैं. मगर कई ऐसे योगासन भी है जो इन समस्याओं में कारगर साबित हो सकते हैं.
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पेट से जुड़ी समस्याओं में असरदार है ये 7 योगासन|These seven Yogasanas are beneficial in problems related to stomach
1. हलासन (Halasana)हाइपरएसिडिटी (Hyperacidity) की समस्या में हलासन करना लाभकारी हो सकता है. इस आसन में शरीर किसी हल की तरह नजर आता है. इसका रोजाना अभ्यास करने से अपच, कब्ज और एसिडिटी जैसी बीमारियों से राहत मिलती हैं. साथ ही यह पेट के खाना पचाने की प्रक्रिया को ज्यादा मजबूत बनाता है.
इसमें दोनों घुटनों को हाथों से दबाकर अपनी छाती पर टच कराने की कोशिश की जाती है. पवनमुक्तासन करने से पेट के मसल्स में खिंचाव आता है और इन्हें मजबूती मिलती है. इससे खाने के पचने की प्रक्रिया आसान बनती है.
3. मार्जरी आसन (Marjariasana)
इस योगासन में शरीर किसी टेबल की तरह दिखता है. मार्जरी आसन करने से पेट की कई बीमारियों से राहत मिलने के साथ ही शरीर में खून का संचार भी बेहतर होता हैं. इसके नियमित अभ्यास से गैस और खट्टी डकार जैसी परेशानी से राहत मिल सकती हैं.
इस योगासन में घुटनों को पीछे की तरफ मोड़कर रीढ़ की हड्डी को सीधा करके बैठना होता है. इससे पेट और पूरे शरीर में खून का संचार बेहतर होता है. खून के सही संचार से पाचन क्रिया बेहतर होती है. इसके सही अभ्यास से कब्ज और हाइपरएसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है.
इस योगासन में वज्रासन वाले पोज में बैठकर अपने सर को जमीन से टच करना होता है. इससे पेट के अंदरूनी मसल स्ट्रेच होकर मजबूत बनते हैं, जिससे पाचन क्रिया को भी मजबूती मिलती है. बालासन हाइपरएसिडिटी के साथ – साथ तनाव और थकान दूर करने में भी असरदार साबित होता है.
यह आसन हाइपरएसिडिटी और अपच की समस्या से राहत पाने के लिए रामबाण साबित हो सकता है. इससे भी ब्लड सर्कुलेशन बढ़ती है और डाइजेशन की प्रक्रिया को मजबूती मिलती है. साथ ही यह शरीर के हानिकारक विकारों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है.
7. पशिचमोत्तानासनइस आसन में अपने पैरों को सीधा करके अपने सर से घुटनों को छूना होता है. पशिचमोत्तानासन एब्डोमेन एरिया (Abdominal Area) में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है. इससे भी गैस और अपच की समस्या से राहत मिसती है.
(प्रस्तुति - अंकित श्वेताभ)
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.