बच्चों को गलती की सजा देने के लिए अपनाएं यह तरीका, पूरे जीवन याद रहेगी सीख, डांटने मारने की नहीं पड़ेगी जरूरत

ऐसे समय में पेरेंट्स को अपनी सूझ-बूझ से बच्चों को गलती का एहसास करवाना चाहिए, ताकि उसे सीख मिले और उसके कोमल मन पर बुरा असर भी नहीं पड़े.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
खाने के साथ अगर बच्चा खाने के लिए नहीं तैयार हो रहा है तो आप उससे जिद्दी नहीं करिए.

Parenting tips : बच्चों की छोटी-छोटी गलतियों पर उन्हें समझाने की बजाए माता-पिता डांटना-फटकारना और कई बार तो हाथ तक उठा देते हैं, जोकि गलत तरीका है. इससे बच्चे जिद्दी हो जाते हैं और सेम गलती आगे भी करते रहते हैं. जबकि ऐसे समय में पेरेंट्स को अपनी सूझ-बूझ से बच्चों को गलती का एहसास करवाना चाहिए, ताकि उसे सीख मिले और उसके कोमल मन पर बुरा असर भी नहीं पड़े. आज ऐसी ही पेरेंटिंग टिप्स के बारे में आपको बताने वाले हैं जिससे आप अपने बच्चे को अच्छे से गाइड कर सकते हैं. 

बच्चे की गलती कैसे सुधारें

गलतियों से खुद सीखने दें

अगर आपका बच्चा कोई शरारत करता है, जिससे उसे नुकसान पहुंच सकता है तो उसे रोकने की बजाय करने दीजिए. जैसे अगर वो बेड पर कूद रहा है, या धूप में बिना चप्पल के जाने की जिद्द कर रहा है तो जाने दीजिए. जब पैर जलेगा तो खुद ही वो चप्पल पहनेगा, इससे बच्चे को एहसास हो जाएगा वो गलत कर रहा है.

अटेंशन न दें

ऐसे ही खाने के साथ अगर बच्चा खाने के लिए नहीं तैयार है तो आप उससे जिद्दी न करें. जब उसको भूख लगेगी तो वो खुद ब खुद खाना मांगेगा. आपको बता दें कि ऐसा बच्चे आपका अटेंशन पाने के लिए करते हैं. ऐसे मौके पर आपको उन्हें किसी चीज में बिजी कर देना है, ताकि वो समझ जाए की इस तरीके का व्यहार अच्छा नहीं है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Featured Video Of The Day
Rajasthan: Jhunjhunu में अस्पताल की लापरवाही का मामला, Postmortem के बाद जिंदा हुआ शख्स
Topics mentioned in this article