Parenting Tips: दूध को सेहत के लिए सुपरफूड माना जाता है. खासकर पेरेंट्स अपने बच्चों की बेहतर ग्रोथ के लिए उन्हें रोज दूध पिलाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा दूध बच्चे के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है? इसे लेकर पीडियाट्रिशियन अर्पित गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर बताते हैं, भारत में ज्यादातर माता-पिता बच्चों को बार-बार दूध पिलाते हैं, खासकर जब बच्चा खाना खाने से मना करता है तो उसे दूध पिला दिया जाता है. लेकिन यही आदत आगे चलकर सेहत से जुड़ी कई समस्याएं खड़ी कर सकती है.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉक्टर गुप्ता कहते हैं कि हम दूध के प्रति बहुत ज्यादा जुनूनी हो जाते हैं. अधिकतर मां-बाप सोचते हैं कि बच्चा खाना नहीं खा रहा है, तो दूध पिलाकर उसका पेट भर देते हैं. लेकिन यही आदत बच्चों में आयरन की कमी, एनीमिया और कमजोर ग्रोथ का कारण बनती है. असल में, जब बच्चे बहुत सारा दूध पीते हैं तो उनका पेट भर जाता है और वे ठोस खाना (solid food) कम खाने लगते हैं. इसके चलते शरीर को जरूरी पोषक तत्व जैसे आयरन, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाते.
डॉक्टर के अनुसार, एक साल की उम्र के बाद बच्चे को बहुत ज्यादा दूध की जरूरत नहीं होती है. दिनभर में करीब 500 मिलीलीटर (आधा लीटर) दूध ही पर्याप्त है. इससे ज्यादा देने पर बच्चा भोजन से दूरी बनाने लगता है. दूध कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, लेकिन यह संपूर्ण भोजन नहीं है. बच्चे के विकास के लिए दाल, चावल, रोटी, सब्जियां, फल और सूखे मेवे जैसी चीजें भी जरूरी हैं.
अगर बच्चा दूध पीने का बहुत शौकीन है, तो माता-पिता धीरे-धीरे उसकी मात्रा कम कर सकते हैं. बच्चे के 6 महीने के हो जाने के बाद उसे अपने साथ बैठाकर थोड़ा-थोड़ा खाना खिलाएं. इससे बच्चे को सोलिड फूड खाने की आदत होगी और 1 साल तक होते-होते वो ठीक से खाना खा पाएगा. बच्चों के शरीर को केवल कैल्शियम ही नहीं, बल्कि आयरन, जिंक, विटामिन और फाइबर की भी जरूरत होती है. ये सभी चीजें ठोस भोजन से ही मिल सकती हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.