Children's Health: जब बच्चे का जन्म होता है तो अक्सर ही देखा जाता है कि बच्चा सफेद दिखता है लेकिन एक से दो हफ्ते में बच्चे की त्वचा का रंग गहराने लगता है. बहुत से माता-पिता यह देखकर चिंतित हो जाते हैं या फिर सोचने लगते हैं इसकी क्या वजह है. लेकिन, डर्मेटोलॉजिस्ट (Dermatologist) डॉक्टर शिवांगी राना के अनुसार इसके पीछे वैज्ञानिक वजह है. डॉ. शिंवांगी राना बताती हैं कि नई माएं अक्सर ही उन्हें मैसेज करके पूछती हैं कि जन्म के वक्त बच्चे का रंग साफ था और 10 दिन या एक महीने में बच्चे का रंग बदलने लगा है और अब वे किस तरह बच्चे को उसकी पुरानी रंगत लौटा सकती हैं. इन सवालों का जवाब देते हुए डर्मेटोलॉजिस्ट ने बताई इस बदलाव की असल वजह.
डॉ. शिवांगी बताती हैं कि जब बच्चे का जन्म होता है तो रंगत वाली मेलानिन प्रोड्यूसिंग सेल्स अच्छे से डेवलप नहीं हुई होतीं और बच्चे के जन्म के बाद जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता जाता है मेलानिन प्रोड्यूसिंग सेल्स भी डेवलप होने लगती हैं और इससे त्वचा को उसकी रंगत मिलती है. इसके अलावा, गर्भाशय में रहते हुए बच्चे को सूरज की धूप नहीं लगती है लेकिन जन्म के बाद बच्चा सूरज की किरणों के संपर्क आने लगता है जिससे प्रोटेक्टिव मेकैनिज्म के तौर पर त्वचा ज्यादा मेलानिन (Melanin) प्रोड्यूस करने लगती है.
गर्भावस्था के दौरान मां के हार्मोंस बच्चे के स्किन कलर (Skin Color) की वजह होते हैं, लेकिन जन्म के बाद बच्चे के अपने हार्मोन उसकी स्किन कलर को निर्धारित करते हैं. फाइनल स्किन कलर आने में बच्चे के जन्म के बाद 6 महीने तक का समय लगता है जोकि पूरी तरह से जेनेटिक्स पर निर्भर करता है.
डॉ. शिवांगी का कहना है कि आपको अपने बच्चे के साथ समय बिताने पर फोकस करना चाहिए और जो चीजें आपके कंट्रोल में नहीं हैं उनकी चिंता नहीं करनी चाहिए.
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