Child nutritionist tips for parenting : जन्म के बाद पहले 6 महीनों तक, बच्चे को बेहतर स्वास्थ्य के लिए केवल मां का दूध पिलाया जाता है. 6 महीने की उम्र तक पहुंचने के बाद, उसे ठोस आहार देना शुरू किया जाता है. इसमें फल और सब्जियों की प्यूरी, सेरेलेक जैसी पौष्टिक चीजें और इसी तरह के दूसरे हेल्दी फूड शामिल हैं. इसके अलावा, आपने अक्सर देखा होगा कि माता-पिता घर पर या आस-पास के बच्चों को चाय में बिस्किट भिगोकर देते हुए. लेकिन क्या आपने सोचा है कि यह आपके बच्चे की हेल्थ पर क्या असर डालता है. इस बारे में बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शीला अगालेचा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने बच्चों को चाय और बिस्किट खिलाना सही है या गलत इस पर चर्चा की है.
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बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शीला अगालेचा (Dr. Sheila Agalecha) वीडियो में बता रही हैं कि बच्चों को इस तरीके से चाय बिस्किट खिलाना उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है. क्योंकि बिस्किट में मैदा, चीनी और पाम ऑयल होता है, जो आपके बच्चे की हेल्थ को खराब कर सकता है. वहीं, चाय बच्चों में अधिक चंचलता को बढ़ाता है, नींद में गड़बड़ी करता है और आयरन के अवशोषण में बाधा डालता है.
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बेकिंग सोडा युक्त बिस्कुट शिशुओं और बच्चों में एसिड रिफ्लक्स को ट्रिगर कर सकते हैं. इसके अलावा, बिस्कुट में फ्लेवरिंग केमिकल्स फेफड़ों की बीमारी और ब्रेन डैमेज जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़ा गया है.
मैदे के सेवन से बच्चों और वयस्कों दोनों में कब्ज की परेशानी हो सकती है क्योंकि इसमें फाइबर की कमी होती है, जो पाचन को चुनौती देता है. कब्ज के कारण उन्हें उल्टी, पेट दर्द और पेट फूलने जैसे लक्षण अनुभव होते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.