Betel leaves benefits : भारतीय संस्कृति में पान के पत्तों का आध्यात्मिक महत्व है. इसका इतिहास लगभग पांच हजार वर्ष पहले का है. दिल के आकार के इस पत्ते का वर्णन प्राचीन और धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है. पान के पत्तों के लिए हिंदी शब्द 'पान' की उत्पत्ति संस्कृत शब्द 'पर्ण' से हुई है जिसका अर्थ है 'पत्ती'. अपने सांस्कृतिक महत्व के अलावा, पान के पत्तों के चमत्कारी स्वास्थ्य लाभ भी हैं. यह आयुर्वेद में अहम भूमिका निभाते हैं. आप अगर इसका शरबत पीते हैं तो फिर आपको कई फायदे होंगे. आज इसी के बारे में आपको बताने वाले हैं. डाइटीशियन के बताए इन 3 फलों से तैयार नारंगी शेक को करिए डाइट में शामिल, हाजमा रहेगा दुरुस्त
पान के पत्तों का इस्तेमाल पुराने समय में बुखार, सर्दी, सीने में जकड़न औस सांस संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में किया जाता रहा है. जिन्हें सांस की समस्या है वो लोग पान के पत्तों के साथ लौंग पानी में उबालकर अच्छे से पी लें. इससे उन्हें काफी हद तक लाभ मिलेगा.
जो लोग दिल की बीमारी से पीड़ित हैं उनके लिए भी यह पत्ता बहुत लाभकारी है, इसका शरबत पीने से हृदय रोग में बहुत लाभ होता है. वहीं, जो लोग पान खाने के शौकीन हैं उन्हें मीठा नहीं बल्कि सादा वाला ही खाना चाहिए, यह ज्यादा लाभकारी होता है सेहत के लिए.
इसका शरबत आपके पाचन एंजाइमों को उत्तेजित करता है. इससे भोजन आसानी से पच जाता है. परंपरागत रूप से, भोजन के बाद माउथ फ्रेशनर के रूप में पान की पत्तियों का आनंद लिया जाता था क्योंकि इनमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो मुंह में बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकते हैं, जिससे दांतों की समस्याओं जैसे कैविटी और मसूड़ों की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
पान के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो हमारे जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. आयुर्वेद के अनुसार इस पत्ते का सेवन करने से शरीर में बढ़ा हुआ यूरिक एसिड कंट्रोल हो सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.