उल्टा पांव चलने से क्या होता है? एक्सपर्ट से जान लें बस 5 मिनट Backward Walking करने के गजब के फायदे

Backward walking benefits: एक्सपर्ट बताते हैं उल्टा चलना खासकर घुटनों और मांसपेशियों के लिए बहुत असरदार एक्सरसाइज है. आइए जानते हैं कैसे-

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उल्टा पांव चलने के फायदे

Backward Walking Benefits in Hindi: चलना यानी वॉकिंग सबसे आसान एक्सरसाइज में से एक है. वॉक करने से आपको कई फायदे भी मिलते हैं. ये बात तो अधिकतर लोग जानते हैं, लेकिन क्या आपने उल्टे पांव चलने के बारे में सुना है? इसे बैकवर्ड वॉकिंग या रिवर्स वॉकिंग (Reverse Walking) कहा जाता है. ऐसा करते हुए व्यक्ति आगे की ओर कदम न बढ़ाकर शरीर को सीधा रखते हुए पीछे की ओर चलता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस तरह चलने के फायदे. 

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

इसे लेकर ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स इंजरी एक्सपर्ट डॉक्टर मयंक दराल ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में डॉक्टर बताते हैं, उल्टा चलना खासकर घुटनों और मांसपेशियों के लिए बहुत असरदार एक्सरसाइज है.

क्या है बैकवर्ड वॉकिंग?

डॉक्टर मयंक बताते हैं, जब हम आगे की ओर चलते हैं, तो हमारे शरीर के फ्रंट हिस्से की मसल्स जैसे क्वाड्रिसेप्स (Thigh muscles) ज्यादा काम करती हैं. लेकिन जब हम उल्टा चलते हैं, तो पीछे की मसल्स जैसे हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और काफ मसल्स (पिंडली) सक्रिय हो जाती हैं. इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और जोड़ों पर तनाव कम पड़ता है.

घुटनों के दर्द में राहत

डॉक्टर मयंक कहते हैं, खासकर घुटनों के दर्द में ऐसा करना बेहद फायदेमंद हो सकता है. आमतौर पर जिन लोगों को घुटनों में दर्द या घुटने कमजोर महसूस होते हैं, उन्हें आगे चलने में परेशानी होती है. ज्यादा चलने पर दर्द अधिक बढ़ जता है. वहीं, उल्टा चलने से घुटनों के आसपास की मसल्स मजबूत होती हैं, जिससे दर्द कम होता है. 

दिमाग के लिए भी फायदेमंद

उल्टा चलना सिर्फ पैरों की मसल्स नहीं, बल्कि ब्रेन को भी एक्टिव करता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप पीछे की ओर चलते हैं, तो आपका दिमाग नई दिशा और मूवमेंट के अनुसार खुद को एडजस्ट करता है. इससे कॉऑर्डिनेशन, बैलेंस और फोकस बेहतर होते हैं.

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क्या कहती है साइंस?

डॉक्टर मयंक से अलग साल 2023 में जर्नल ऑफ ऑर्थोपेडिक सर्जरी एंड रिसर्च (Journal of Orthopaedic Surgery and Research) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, बैकवर्ड वॉकिंग करने से घुटनों की कार्यक्षमता बेहतर होती है, दर्द कम होता है और जोड़ों का लचीलापन बढ़ता है. यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन नॉन-सर्जिकल थेरेपी साबित हो सकती है, जिन्हें माइल्ड से मीडियम ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या है.

कैसे करें शुरुआत?
  • शुरुआत में रोज 5 मिनट तक उल्टा चलना शुरू करें.
  • यह अभ्यास हमेशा किसी खुली और समतल जगह पर करें.
  • ध्यान रखें कि आसपास कोई बाधा न हो.
  • धीरे-धीरे समय बढ़ाकर 10-15 मिनट तक करें.

उल्टा चलना भले ही थोड़ा अजीब लगे, लेकिन इसके कई कमाल के फायदे हैं. ऐसे में आप भी रोज थोड़ा समय निकालकर बैकवर्ड वॉकिंग कर सकते हैं. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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