School going child time table : आप अपने बच्चे का सर्वांगीण विकास चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने बच्चे का एक टाइमटेबल सेट करना होगा. इससे बच्चा आपका अनुशासित रहेगा और समय की कीमत और टाइम मैनेजमेंट भी सीखेगा. टाइम टेबल में आप बच्के के उठने से लेकर सोने तक का समय तय करिए. इससे उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों ही अच्छी रहेगी, जिससे बच्चा चाहे पढ़ाई हो या फिर खेल कूद नंबर वन रहेगा. इससे बच्चे की हॉलिस्टिक ग्रोथ होती है. ऐसे में आइए जानते हैं स्कूल जाने वाले बच्चे का टाइमटेबल बनाते समय किन बातों का ध्यान रखें...
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बच्चे का टाइमटेबल कैसे बनाएं
रिपोर्ट कार्ड का रखें ध्यानआप बच्चे का टाइमटेबल उसके एकेडमिक ईयर को ध्यान में रखकर बनाइए. उसके पिछले रिपोर्ट कार्ड के अनुसार ही टाइम टेबल सेट करें. आपको उन सब्जेक्ट्स पर ज्यादा समय देना है, जो आपके बच्चे का कमजोर है या फिर जिसमें कम नंबर आए थे पिछली बार. इससे बच्चे की बेहतर इंप्रूवमेंट होगी.
आप अपने बच्चे का टाइम टेबल ऐसे सेट करें जिसमें उसकी पढ़ाई से लेकर खेलकूद, टीवी, और फोन चलाने का समय भी तय हो. इसके अलावा आप टाइमटेबल में बच्चे की हॉबीज पर भी फोकस करें, जैसे सिंगिंग, डांस, पेंटिंग, गिटार, बुक रीडिंग आदि है.
वहीं, आप बच्चे के स्कूल के आने के बाद फोन, टीवी आदि से दूर रखें. पहले उसे खाना खिलाएं, इसके बाद आप सुला दीजिए. इस दौरान आप अपने बच्चे को कहानी या फिर स्कूल में क्या हुआ; इस बारे में बातचीत कर सकते हैं. बच्चे से की गईं यह बातें आपको अपने बच्चे को बेहतर तरीके से जानने में मदद करेगी.
इसके अलावा बच्चे के वीक ऑफ वाले दिन का टाइमटेबल अलग रखें. इस दिन आप रूटीन वाला टाइम टेबल न फॉलो करें. इस दिन थोड़ा लाइट रखें. छुट्टी वाले दिन बच्चे के खेलकूद के लिए ज्यादा समय दें, ताकि बच्चा पढ़ाई को बोझ न समझें. वहीं, वीक ऑफ पर आप बच्चे को कहीं घुमाने के लिए भी ले जा सकते हैं, जैसे म्यूजियम, पार्क या फिर कोई ऐताहासिक इमारत दिखाएं. इससे बच्चे की नॉलेज बढ़ेगी.