Ayurvedic Tips: मीठा रसीला आम गर्मियों में सबसे ज्यादा बिकने वाले फलों की गिनती में खासा ऊपर आता है. जितने ज्यादा लोग आम (Mangoes) खाते हैं उतने ही लोगों की सेहत पर इसका कुछ ना कुछ असर होता है. इसमें फाइबर, बीटा केरोटीन और पौटेशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो ब्लड शुगर (Blood Sugar) को कम करने का काम करती है. आयुर्वेद (Ayurveda) की मानें तो आम खाने के कुछ सही तरीके होते हैं और अगर इसे सही तरीके से ना खाया जाए तो यह सेहत के लिए अच्छे से ज्यादा बुरा साबित हो सकता है. पेट खराब होना, फोड़े-फुंसी निकलना या डाइबिटीज (Diabetes) का खतरा बढ़ना आम ठीक तरह से ना खाने के दुष्प्रभाव हैं. इसलिए आइए जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार सही तरह से आम (Mango) कैसे खाया जाए और किन लोगों को आम से दूरी बनानी चाहिए व किन्हें नहीं.
आयुर्वेद के अनुसार आम खाने का सही तरीका | Right Way Of Eating Mangoes As Per Ayurveda
- आम बाजार से किसी कपड़े या जूट के बैग में लेकर आएं और अच्छी तरह धो लें.
- अब एक बड़े बर्तन में साफ पानी भरकर उसमें आम लगभग 25 से 30 मिनट डुबाए रखें.
- आम भिगोय रखने से अतिरिक्त फाइटिक एसिड निकाल जाता है और शरीर आम के सभी पोषक तत्व सोख पाता है.
- आपको आम सुबह नाश्ते में, दोपहर के समय या शाम को स्नैक्स (Evening Snacks) की तरह खाने चाहिए.
- सबसे अच्छा है इसे पूरा सादा खाना, हालांकि आप इसे दूध के साथ आमरस (Aamras) बनाकर भी खा सकते हैं.
- आयुर्वेद के अनुसार ऐसे कई फल हैं जिनके साथ दूध को बेझिझक मिलाया जा सकता है और इन्हीं में से एक है आम. इस पके हुए मीठे फल को दूध के साथ पीना स्वाद में अच्छा है और सेहत के लिए भी.
आयुर्वेद की मानें तो जिन लोगों को ऑटो इम्यून रोग, स्किन से जुड़ी समस्याएं, खराब पाचन (Indigestion) और कमजोर मेटाबॉलिज्म की दिक्कत है उन्हें खासतौर से आम को दूध के साथ (Mango with milk) पीने से परहेज करना चाहिए. यह किया जा सकता है ये लोग प्लांट बेस्ड दूध को आम के साथ पिएं और मील्स के साथ इनके सेवन से परहेज करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.