Parenting: बच्चों की परवरिश करना कोई आसान काम नहीं होता है. पैरेंट्स बच्चों के बड़े होने तक खुद भी जीवन से जुड़ी अनेक नई बातें सीखते हैं और लगातार सीखते जाते हैं. लेकिन, इस पूरे सफर में पैरेंट्स ऐसी गलतियां (Parenting Mistakes) भी करते हैं जिनसे बच्चे की परवरिश पर असर पड़ता है. कई बार माता-पिता को यह देखकर हैरानी होती है कि बच्चे उनकी बात नहीं सुन रहे हैं या बात को सुनकर नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे में कई बार पैरेंट्स को यह समझने में दिक्कत होती है कि बच्चों के इस बर्ताव की क्या वजह है. अगर आप भी बच्चों के इसी व्यवहार से परेशान हैं तो यहां जानिए किन वजहों से बच्चे माता-पिता (Parents) की बात को अनसुना करने लगते हैं.
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अपने माता-पिता की बात क्यों नहीं सुनते बच्चे | Why Children Don't Listen To Their Parents
जरूरत से ज्यादा सख्तीअगर माता-पिता बच्चे पर जरूरत से ज्यादा सख्ती करने लगते हैं तो बच्चे उनकी बात सुनना बंद कर देते हैं. बच्चों को लगने लगता है कि पैरेंट्स की सख्ती से बचने का तरीका है उनकी बात ना मानना और आखिर में किसी भी बात को सुनने से इंकार कर देना. ऐसा बच्चे ज्यादातर पैरेंट्स से बदला (Revenge) लेने के लिए करते हैं.
पैरेंट्स अगर बच्चे पर हर समय ही चिल्लाते रहते हैं और उससे किसी भी काम को करने के लिए चिल्लाकर ही बात करते हैं तो इससे बच्चा घबरा जाता है. बच्चे को लगता है कि चुप रहकर और बातों को अनसुना करके ही खुद को प्रोटेक्ट कर सकते हैं.
बच्चों पर अलग-अलग और ढेर सारे नियम थोप दिए जाने पर भी उन्हें अच्छा नहीं लगता है. बच्चे इन नियमों से तंग आकर पैरेंट्स की एक भी बात सुनना पसंद नहीं करते हैं और सोचते हैं कि इन नियमों (Rules) के जवाब में अब वे हर काम को और हर बात को अनसुना कर देंगे.
कई बार बच्चे माता-पिता की बात इसलिए नहीं सुनते क्योंकि उन्हें अटेंशन (Attention) चाहिए होता है. माता-पिता बच्चे पर ध्यान दें और उसके इस व्यवहार के लिए उससे आकर सवाल-जवाब करें इसीलिए बच्चे पैरेंट्स की बात नहीं सुनते, उन्हें इग्नोर करते हैं और उनसे उखड़ा-उखड़ा रवैया अपनाने लगते हैं.
अगर पैरेंट्स अक्सर ही बच्चे को कोई काम थमा देते हैं तो बच्चा पैरेंट्स को इग्नोर करना शुरू कर देता है. काम से बचने के लिए बच्चे अक्सर ही बातों को अनसुना करने लगते हैं जिससे वे बाद में कह सकें कि मैने तो बात सुनी ही नहीं थी.