बच्चे को सॉलिड खिलाना शुरू करने पर ये 5 गलितयां कर देते हैं पैरेंट्स, डॉक्टर ने कहा इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी

Giving Solids To Baby: अगर आप भी बच्चे को सॉलिड खिलाना शुरू करने वाले हैं यानी दूध के बाद खाने की बाकी चीजों से उसे इंट्रड्यूस करवाने वाले हैं तो डॉक्टर से जानिए बच्चे को सॉलिड देने से पहले किन बातों को जानना जरूरी होता है. 

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Baby's Health: बच्चे को ठोस खिलाने से पहले जान लें ये जरूरी बातें. 

Parenting Tips: बच्चा जन्म के बाद के कुछ महीने सिर्फ दूध ही पाता है और उसके शरीर को पोषण सिर्फ दूध से ही मिलता है. लेकिन, 5 से 6 महीने का हो जाने के बाद बच्चे को सॉलिड फूड्स (Solid Foods) से इंट्रड्यूस करवाया जाता है. बच्चे को सॉलिड खिलाना एक बड़ा स्टेप होता है. ऐसे में पैरेंट्स को एक नहीं बल्कि कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. बच्चे को सॉलिड में क्या खाने को दिया जाए, किस तरह दिया जाए और बच्चे को खाने की किन चीजों से एकदम दूर रखें कि बच्चे की सेहत खराब ना हो इन सब बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. इसी बारे में बता रहे हैं डॉ. पवन मांडविया. बच्चों के डॉक्टर (Peditatrician) ने बताया कि बच्चे को सॉलिड्स देना शुरू करने पर माता-पिता अक्सर ही कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं जिनसे बच्चे की सेहत खराब हो सकती है. इसीलिए इन गलतियों को करने से बचना बेहद जरूरी होता है. 

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बच्चे को सॉलिड्स देते हुए पैरेंट्स करते हैं ये गलतियां । Mistakes Parents Make While Giving Solids To Baby 

दाल का पानी देना 

डॉक्टर का कहना है कि अक्सर ही पैरेंट्स 6 महीने के बच्चे को सॉलिड्स खिलाना शुरू करते हैं तो उसे दाल का पानी या फिर चावल का पानी पिलाना शुरू कर देते हैं. डॉक्टर का कहना है कि ऐसा नहीं करना चाहिए बल्कि दाल की प्यूरी या दाल-चावल देना चाहिए. दाल का पानी या चावल का पानी देने से बच्चे का पेट तो भर जाता है लेकिन बच्चे को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं. ऐसे में माएं अक्सर यह शिकायत भी करती हैं कि बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है. इसकी वजह उसे जरूरी पोषण ना मिल पाना ही है. 

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फलों का जूस देना 

बच्चे को फलों का जूस (Fruit Juice) पिलाने के बजाय पूरा का पूरा फल खिलाएं. बच्चे को अगर फलों का जूस पिलाया जाएगा तो उसे भरपूर मात्रा में फाइबर नहीं मिल पाएगा. इसीलिए उसे पूरा फल ही खिलाएं. 

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बच्चे को नमक या चीनी देना 

एक साल से छोटे बच्चे को अगर नमक दिया जाए तो उसकी किडनी इसे प्रोसेस नहीं कर पाती है. इससे बच्चे की सेहत को नुकसान होता ही है साथ ही चीनी से बच्चे के दांत भी खराब हो सकते हैं. इसीलिए इतने छोटे बच्चे को चीनी या नमक बिल्कुल नहीं खिलाना चाहिए. इसी उम्र में बच्चे के टेस्ट बड्स डेवलप होते हैं. ऐसे में जिन बच्चों को एक साल से पहले नमक या चीनी दी जाए तो उन्हें बड़े होते-होते जंक फूड्स खाने की इच्छा भी ज्यादा होती है.

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चाय और बिस्कुट देना 

छोटे बच्चे को चाय और बिस्कुट (Biscuit) नहीं देना चाहिए. डॉक्टर का कहना है कि बच्चा खाना नहीं खाता है तो पैरेंट्स उसे चाय, गाय का दूध या बिस्कुट दे देते हैं. लेकिन, ऐसा नहीं करना चाहिए. गाय का दूध ज्यादा दिया जाए तो बच्चे को आयरन की कमी से अनीमिया हो सकता है. वहीं, बिस्कुट में मैदा, शुगर और पाम ऑयल होता है जो सेहत के लिए ठीक नहीं है. 

कोल्ड ड्रिंक, कॉफी और शहद देना 

छोटे बच्चे को कोल्ड ड्रिंक्स, शुगरी ड्रिंक्स, कॉफी या शहद (Honey) वगैरह नहीं देना चाहिए. एक साल से छोटे बच्चे को शहद नहीं देना चाहिए. इतने छोटे बच्चे को शहद दिया जाए तो उसे बॉटलिज्म नाम की बीमारी हो सकती है. इसीलिए इतने छोटे बच्चे को शहद खिलाने से परहेज करना चाहिए. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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