माता-पिता की ये 5 आदतें बच्चों को कर देती हैं परेशान, ठीक से खाना-पीना भी लगता है मुश्किल 

Parenting Mistakes: अक्सर ही माता-पिता जाने-अनजाने में कुछ ऐसे काम कर देते हैं जो बच्चों के लिए परेशानी का सबब बनने लगते हैं. ये काम बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं. 

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Things Parents Should Never Do: माता-पिता को कभी नहीं करने चाहिए ये काम. 

Parenting Tips: परवरिश की बात होती है तो हम अक्सर ही बच्चों की गलतियों के बारे में बात करते हैं. चर्चा की जाती है कि किस तरह बच्चों की इस बुरी आदत को सुधारा जाए या उस बुरी आदत में बदलाव किया जाए. लेकिन, माता-पिता की गलतियों के बारे में कम ही लोग बात करते हैं. असल में जाने-अनजाने माता-पिता अक्सर ही ऐसे काम कर देते हैं जो बच्चों के लिए मानसिक रूप से कष्टदायी हो जाते हैं. बच्चे पैरेंट्स की इन आदतों (Bad Habits) की वजह से हमेशा परेशान रहते हैं और कभी-कभी तो उनका खाने-पीने में भी मन नहीं लगता है. ऐसे में पैरेंट्स को अपनी इन गलतियों को सुधारने की जरूरत होती है. 

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पैरेंट्स की वो गलतियां जो बच्चों को कर देती हैं परेशान 

हमेशा बच्चों की तुलना करना 

पैरेंट्स को लगता है कि अपने बच्चे की किसी ओर से तुलना करने पर वे उसे दुनिया से रूबरू करवा रहे हैं या फिर उसे बाकी बच्चों की तरह बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. लेकिन, हकीकत अलग ही होती है. इस बार-बार की तुलना से बच्चा खुद को कमतर समझने लगता है और फेलियर से डरने लगता है. 

बच्चे की भावनाओं को दबाना 

बच्चे का कभी बहुत ज्यादा हंस देना या बात-बात पर रो देना माता-पिता को खलने लगता है जिससे वे उसे एकदम चुप हो जाने के लिए कह देते हैं. कई बार वे बच्चे की बात नहीं सुनते और उसकी भावनाओं (Feelings) को दबाने की कोशिश करते हैं जिससे बच्चा अंदर ही अंदर घुटन महसूस करने लगता है. 

बच्चे का हर समय मजाक उड़ाना 

कई पैरेंट्स हंसी-ठिठोली के लिए हर समय बच्चे का मजाक उड़ाने लगते हैं. माता-पिता (Parents) को लगता है कि मेहमानों के सामने या फिर रिश्तेदारों के सामने बच्चे को हास्य का पात्र बनाना कोई बड़ी बात नहीं है. बच्चे को नाचने या गाने के लिए कहा जाता है और फिर उसपर मिलकर सब हंसने लगते हैं. इससे बच्चे का कोंफिडेंस कम होने लगता है और उसका स्टेज फोबिया बढ़ता है. 

बहुत ज्यादा कंट्रोलिंग होना 

हर पैरेंट यही चाहता है कि उसका बच्चा भीड़ से अलग बने और ऐसे बच्चों के साथ खेले-कूदे जो समझदार हों और जिनका फैमिली स्टेटस भी हमसे मेल खाता हो. बच्चा किसके साथ उठ रहा है, बैठ रहा है और खेल रहा है यह कुछ हद तक पैरेंट्स कंट्रोल कर सकते हैं लेकिन इस चीज को बहुत ज्यादा कंट्रोल करने पर बच्चा खुद को दबा-दबा महसूस करता है. 

बच्चे से झूठ बोलना 

अगर बच्चे से हर बार ही झूठ बोला जाए या बच्चे का मन रखने के लिए उससे झूठ कहा जाए तो इससे बच्चा खुद के साथ छल हुआ महसूस करता है. ऐसे में पैरेंट्स को बच्चे से झूठ नहीं कहना चाहिए. कई बार पैरेंट्स की देखा-देखी बच्चे भी झूठ बोलना शुरू कर देते हैं. 

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