White Hair Problem: बहुत से लोगों को समय से पहले बालों के सफेद होने की दिक्कत सताने लगती है. ना सिर्फ बड़े बल्कि बच्चों को भी इस परेशानी से दोचार होना पड़ता है. बच्चों (Children) के बाल सफेद होने का एक बड़ा कारण है पोषण की कमी. शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी बालों के सफेद होने का कारण बन सकती है. इसके अलावा, सूरज की हानिकारण किरणें भी बालों को प्रभावित करती हैं. ऐसे में माता-पिता की यह चिंता रहती है कि कम उम्र में ही बच्चों के सारे बाल सफेद ना होने लगें. दिक्कत यह भी है कि बच्चों को डाई या मेहंदी नहीं लगाई जा सकती क्योंकि इससे उनके बालों पर असर पड़ेगा, बालों का टूटना शुरू हो सकता है या फिर मेहंदी से बाल लाल हो सकते हैं. ऐसे में यहां बताए फूड्स (Foods) दिक्कत को दूर कर देंगे. यहां खानपान की उन चीजों का जिक्र किया जा रहा है जिन्हें बच्चों को खिलाया जाए तो बच्चों के बाल समय से पहले सफेद नहीं होते हैं और अगर इक्के-दुक्के बाल सफेद पड़ गए हैं तो वो भी काले होने लगेंगे.
बच्चों के बाल सफेद होने से बचाने वाले फूड्स | Foods To Prevent White Hair In Children
बच्चे चाहे हरी सब्जियां खाने से कितना ही मुंह बनाएं लेकिन हरी सब्जियां बच्चों को खिलाना बेहद जरूरी है. हरी सब्जियां (Green Vegetables) जैसे ब्रोकोली, गोभी, पालक, केल और पत्तागोभी आयरन, फोलेट, विटामिन, कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं जिनसे बालों का सफेद होना रुकता है.
प्रोटीन से भरपूर अंडे बालों की सेहत को अंदरूनी रूप से अच्छा रखते हैं. अंडों में विटामिन बी12 की अच्छी मात्रा होती है जो प्रीमेच्योर ग्रे हेयर (Premature Grey Hair) यानी समय से पहले बालों को सफेद होने से रोकने में असरदार है. ध्यान रहे आपको बच्चों को पूरा अंडा खिलाना है सिर्फ उसका सफेद हिस्सा नहीं.
सोयाबीन प्लांट प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है. इसमें कई तरह के पोषक तत्व और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बालों को सफेद बनाने वाले तत्वों से लड़ते हैं और बालों की रंगत काली बनाए रखते हैं.
मशरूम (Mushrooms) में कॉपर की भरपूर मात्रा होती है. मशरूम खाने पर मेलानिन का प्रोडक्शन अच्छा होता है. मेलानिन बालों की रंगत गहरी बनाए रखने में कारगर है.
दालों में विटामिन बी9 की अच्छी मात्रा होती है और सेहत को दुरुस्त रखने वाले तत्व भी. बच्चों को दालें खिलाने पर समय से पहले सफेद हो रहे बालों की दिक्कत दूर होती है. हफ्ते में 2 से 3 बार बच्चों को दाल खिलाई जा सकती है.