Parenting: माता-पिता यही चाहते हैं कि अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दें. लेकिन, अपनी खुद की गलतियों को वो अक्सर ही नजरअंदाज कर देते हैं. कहते हैं बच्चे स्पोंज की तरह होते हैं, माता-पिता की आदतों को सोखने में वे ज्यादा समय नहीं लगाते. लेकिन, पैरेंट्स की यही बुरी आदतें (Bad Habits) या बर्ताव बच्चों के मन-मस्तिष्क को प्रभावित भी करता है. बच्चे पैरेंट्स को उस तरह सम्मान की भावना से नहीं देखते जैसे पहले देखा करते थे और साथ ही बुढ़ापे में पैरेंट्स को असम्मान का भागी बनना पड़ता है. ऐसे में यहां जानिए माता-पिता को अपनी कौनसी आदतें सुधार लेनी चाहिए जिससे उम्रभर बच्चे उन्हें सम्मान (Respect) की नजर से देखें.
माता-पिता को छोड़ देनी चाहिए ये बुरी आदतें | Bad Habits That Parents Should Avoid
अपनी गलती ना माननाकई बार बच्चों के साथ अगर पैरेंट्स की बहस हो तो माता-पिता अपनी गलती मानने से इंकार कर देते हैं. पैरेंट्स की यह आदत बच्चों को बुरी तो लगती है साथ ही समय बीतने के साथ-साथ बच्चों के मन में अपने माता-पिता के प्रति कुंठा रहने लगती है. बच्चे पैरैंट्स को सम्मान की नजर से देखना छोड़ देते हैं.
जब बच्चे छोटे होते हैं तो उनके पास अपने पैरेंट्स (Parents) से कहने के लिए बहुत कुछ होता है. कभी बच्चे अपने मन के दुख अपने माता-पिता से बांटना चाहते हैं तो कभी अपनी शिकायतें उनसे कहना चाहते हैं. लेकिन, जब पैरेंट्स बच्चों की बात नहीं सुनते हैं तो बच्चों और माता-पिता के बीच दूरी गहराना शुरू हो जाती है.
कई बार पैरेंट्स बच्चों पर हर छोटी-बड़ी बात पर चिल्लाना शुरू कर देते हैं. इससे बच्चों के मन में पैरैंट्स से डर गहराने लगता है. इससे कब बच्चे पैरेंट्स के लिए मन में नेगेटिव छवि (Negative Image) बना लेते हैं पता नहीं चलता. यह नेगेटिविटी उन्हें जीवनभर अपने पैरेंट्स को सम्मान की नजर से देखने से रोकती है.
छोटी उम्र में बच्चे माता-पिता के कहे हुए झूठ समझ नहीं पाते. लेकिन, जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं इन झूठ को समझना शुरू करते हैं. अपने ही पैरेंट्स को बच्चे असम्मान की भावना से देखना शुरू कर देते हैं और कभी उनपर भरोसा नहीं कर पाते.
बहुत से लोगों में पैसों को संभालने नहीं आते हैं. लेकिन, माता-पिता से बच्चों को यही उम्मीद होती है कि वे उनके लिए सेविंग्स रखेंगे जिससे उनकी पढ़ाई का खर्च या शादी का खर्च निकल आएगा. लेकिन, जब पैरेंट्स पैसों की बर्बादी करते हैं तो बच्चों के मन में पैरेंट्स के लिए सम्मान भी कम होना शुरू हो जाता है. ऐसे में माता-पिता को अपनी इस फिजूलखर्ची की आदत को जल्द से जल्द छोड़ देना चाहिए.