शराब पीने के शौकीनों की दुनिया में कोई कमी नहीं है. कई लोग तो रोजाना इतनी महंगी शराब पीते हैं, जितनी एक आम आदमी की सैलरी होती है. आपने भी कई बार लोगों को शराब पीते हुए देखा होगा, लेकिन क्या इस दौरान आपने कभी गौर किया है कि शराब कांच के गिलास में ही क्यों पी जाती है? आज हम आपको बताएंगे कि बाकी चीजों की तरह स्टील या फिर किसी दूसरे गिलास में शराब को क्यों नहीं पिया जाता है. कई लोग जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं होती है.
स्टील के गिलास में चढ़ता है ज्यादा नशा?
कुछ लोगों को आपने ये कहते हुए सुना होगा कि स्टील के गिलास में शराब नहीं पीनी चाहिए, क्योंकि इससे नशा ज्यादा चढ़ने लगता है. हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता है कि आप शराब को किस बर्तन में या कैसे पी रहे हैं, ये उसमें मौजूद एल्कोहल की मात्रा पर निर्भर करता है. बार या फिर किसी पब में आपने बार टेंडर को स्टील के गिलास में कॉकटेल को शेक करते देखा होगा. इसीलिए अगर आपको कोई स्टील के गिलास का इस्तेमाल करने से रोके तो उसे बताएं कि ये सब सिर्फ एक मिथक है.
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कांच के गिलास में ही क्यों पीते हैं शराब?
अब उस सवाल पर आते हैं कि आखिर शराब पीने के लिए हर बार कांच के गिलास ही क्यों निकलते हैं. इसके पीछे की वजह वो चलन है, जो पिछले कई सालों से चला आ रहा है. यानी फिल्मों से लेकर तमाम पार्टियों में कांच के गिलास में ही शराब परोसी जाती है, ऐसे में ये एक चलन बन गया और लोग भी ऐसा ही करने लगे.
इसके अलावा कुछ लोगों को तब तक मजा नहीं आता है, जब तक गिलास में शराब का रंग नजर ना आए, इसीलिए वो कांच के गिलास में जाम छलकाना पसंद करते हैं. यही वजह है कि जूस और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजें भी कांच के गिलास में दी जाती हैं. वहीं कुछ लोगों के लिए चीयर्स की वो आवाज ही काफी होती है, जो कांच के प्यालों को टकराने से आती है.