BS-IV Vehicles: राजधानी दिल्ली में पॉल्यूशन ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, दिवाली की रात से ही प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गया. इससे निपटने के लिए कई तरह के कदम उठाए गए, जिनमें कृत्रिम बारिश करवाने का फैसला भी लिया गया. हालांकि ये भी कारगर साबित नहीं हुआ. अब दिल्ली में BS-IV मानक से नीचे वाले कमर्शियल वाहनों की एंट्री बंद करने का फैसला लिया गया है. जो कमर्शियल वाहन BS-IV और BS-VI मानक वाले होंगे, वही दिल्ली में एंट्री कर सकते हैं. वहीं बताया गया है कि अगले साल BS-IV वाहनों की एंट्री भी बंद हो जाएगी. अब ऐसे में सवाल है कि आखिर ये BS-IV क्या होता है और ऐसे वाहनों की पहचान कैसे की जा सकती है.
क्या होता है बीएस 4?
जिन लोगों के पास गाड़ी है या फिर जो गाड़ियों के बारे में जानकारी रखते हैं, वो जानते हैं कि BS-IV क्या होता है. हालांकि ज्यादातर लोगों को इसकी सही जानकारी नहीं होती है. दरअसल BS-IV का मतलब भारत स्टेज-4 होता है. ये गाड़ियों के इंजन से निकलने वाले पॉल्यूशन का एक मापदंड है, इसे एमिशन नॉर्म्स कहा जाता है. एयर पॉल्यूशन को देखते हुए ये एमिशन नॉर्म्स सेट किए गए हैं. भारत में इसे अलग-अलग स्टेज में बांटा गया है. जिससे ये पता चलता है कि कौन सी गाड़ी कितना एमिशन निकालेगी. जितना ज्यादा बीएस नंबर होगा, गाड़ी उतनी ज्यादा पॉल्यूशन फ्री होगी.
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कौन सी गाड़ियां हैं बीएस-4?
साल 2001 से लेकर अब तक भारत में बीएस-2, बीएस-3, बीएस-4 और बीएस-6 एमिशन नॉर्म्स लाए गए हैं. ये टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर तक में लागू होते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कई साल पहले ही बीएस-4 गाड़ियों की बिक्री पर बैन लगा दिया था. इसके बाद से ही साल 2020 से भारत में बीएस-6 गाड़ियों का प्रोडक्शन शुरू हो गया. 1 अप्रैल 2017 से लेकर 31 मार्च 2020 के बीच बनने वाली गाड़ियां बीएस-4 कैटेगरी में आती हैं.
घबराने की है जरूरत?
अगर आपके पास भी बीएस-4 मानक वाली कार है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. इसे आप तब तक दिल्ली में चला सकते हैं, जब तक इसका रजिस्ट्रेशन खत्म नहीं हो जाता. फिलहाल जो नियम लागू किया गया है वो सिर्फ कमर्शियल वाहनों के लिए है, आप अपनी प्राइवेट कार से दिल्ली में एंट्री कर सकते हैं.














