नक्शे का सबसे बड़ा सवाल: भारत के पूर्व में बसे बंगाल का नाम 'पश्चिम' क्यों है?

इस पहेली को सुलझाने के लिए हमें साल 1947 में चलना होगा. जब भारत आजाद हो रहा था, तब देश का बंटवारा भी हुआ. उस समय बंगाल एक बहुत बड़ा हिस्सा हुआ करता था, जिसे धर्म के आधार पर दो हिस्सों में बांटा गया...

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
आज का पश्चिम बंगाल असल में उस पुराने, विशाल बंगाल प्रांत का पश्चिमी भाग है.

History of West Bengal's name : क्या आपने कभी भारत का नक्शा देखकर सोचा है कि जो राज्य देश के पूर्व में बसा है, उसे नाम में 'पश्चिम' शब्द क्यों आता है? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब आज के भूगोल में नहीं, बल्कि इतिहास के पन्नों में मिलेगा. दरअसल, 'पश्चिम बंगाल' का नाम अपने 'दूसरे आधे हिस्से' की कहानी कहता है, जो अब भारत का पार्ट नहीं है. जी हां, आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा. इस पहेली को सुलझाने के लिए हमें साल 1947 में चलना होगा. जब भारत आजाद हो रहा था, तब देश का बंटवारा भी हुआ.

उत्तराखंड सरकार ने 'खूनी गांव' का बदला नाम, अब जाना जाएगा इस नाम से....

उस समय बंगाल एक बहुत बड़ा हिस्सा हुआ करता था, जिसे धर्म के आधार पर दो हिस्सों में बांटा गया-

पहला हिस्सा (पश्चिमी भाग) : बंगाल का वह हिस्सा जहां हिन्दू आबादी ज्यादा थी, भारत के साथ रहा. क्योंकि यह अविभाजित बंगाल के पश्चिम में था, जिसके कारण इसका नाम 'पश्चिम बंगाल' पड़ा.

दूसरा हिस्सा (पूर्वी भाग): बंगाल का वह हिस्सा जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा थी, पाकिस्तान के साथ चला गया. इसे 'पूर्वी बंगाल' कहा गया, जो बाद में 'पूर्वी पाकिस्तान' बना और 1971 के युद्ध के बाद एक स्वतंत्र देश 'बांग्लादेश' के रूप में दुनिया के नक्शे पर उभरा.

तो, संक्षेप में, आज का पश्चिम बंगाल असल में उस पुराने, विशाल बंगाल प्रांत का पश्चिमी भाग है. भले ही उसका पूर्वी भाग (बांग्लादेश) अब एक अलग देश है, लेकिन हमारे राज्य ने अपनी ऐतिहासिक पहचान को कायम रखा. 

Featured Video Of The Day
Bareilly में जुमे की नमाज से पहले बवालियों पर नजर, सुरक्षा जबरदस्त | UP News | CM Yogi | Top News
Topics mentioned in this article