पाकिस्तान में भी है एक लाल किला, जानें क्या है इसका इतिहास

Pakistan Red Fort: भारत के अलावा पाकिस्तान में भी एक लाल किला है, यहां ज्यादा लोगों की भीड़ नहीं होती है, क्योंकि ये अब एक खंडहर की तरह बन चुका है.

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पाकिस्तान का लाल किला

Pakistan Red Fort: दिल्ली के मशहूर लाल किले के बाहर एक कार को ब्लास्ट कर दिया गया, इस धमाके में करीब नौ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हैं. इस घटना के बाद से ही लाल किले को पूरी तरह से बंद रखा गया है और यहां पुलिस की भारी तैनाती है. लाल किले का जिक्र तो खूब हो रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में भी एक लाल किला है? भारत की तरह पाकिस्तान में भी एक लाल किला है, जिसे यहां के लोग कुछ अलग-अलग नामों से भी जानते हैं. आइए आपको बताते हैं कि पाकिस्तान के लाल किले में क्या खास है और ये कहां स्थित है. 

भारत के लाल किले का इतिहास

भारत के लाल किले का अपना इतिहास रहा है, यही वजह है कि इस ऐतिहासिक इमारत से हर साल भारत के प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं. मुगल बादशाह शाहजहां ने 1638 से 1648 के बीच लाल किला बनवाया था. इस जगह पर कई मुगल सम्राट रहे और यहीं से उन्होंने भारत पर शासन किया. यही वजह है कि आजादी के बाद इसे भारत की स्वतंत्रता का प्रतीक बना दिया गया और इसी लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री हर 15 अगस्त को भाषण देते हैं. 

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पाकिस्तान में कहां है लाल किला?

पाकिस्तान का लाल किला इस्लामाबाद से कुछ ही घंटे की दूरी पर स्थित मुजफ्फराबाद में है. बताया जाता है कि चक शासकों ने मुगलों से बचने और उनसे लड़ने के लिए 1559 में ये किला तैयार किया था, हालांकि बाद में मुगलों ने इस पर कब्जा कर लिया. इसके बाद कुछ और सम्राटों ने यहां शासन किया. इसे मुजफ्फराबाद फोर्ट और रुट्टा किला के नाम से भी पाकिस्तान के लोग जानते हैं. ये किला नीलम नदी से घिरा हुआ है और आज इसकी हालत काफी खराब है. कई सालों तक ये वीरान हालत में पड़ा रहा और पाकिस्तान सरकार ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया. 

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