General knowledge : हमारा देश 15 अगस्त को आजाद हुआ था और संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. भारत के संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया है. मगर देवनागरी और अंग्रेजी को ऑफिशियल भाषा कहा गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक नोट पर 17 भाषाएं छपी हुई है. नोट के आगे के हिस्से में दो भाषाएं होती हैं. जिसमें देवनागरी और अंग्रेजी हैं. इसके अलावा नोट के पीछे की तरफ भी कई भाषाएं भी प्रिंट की हुई हैं. आइए आपको नोट पर छपी इन भाषाओं के बारे में..
नोट के पीछे छपी हैं 15 भाषाएं
भारतीय नोट के पीछे की तरफ 15 भाषाएं प्रिंट होती हैं. ये 15 भाषाएं असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगू और उर्दू शामिल हैं.
नोट के पीछे क्या छपा है
हम रोजाना नोट का लेन देन करते हैं. आजकल डिजिटल ट्रांसजेक्शन करने लगे हैं. मगर आपको पता है इन नोटों के पीछे क्या छपा हुआ है. बहुत ही कम लोगों ने ये गौर किया है. नोट पर छपे चित्र की बात होती है तो हर किसी को महात्मा गांधी ही याद आते हैं मगर इसके अलावा भी कुछ और छपा हुआ है.
500 रुपये के नोट पर ध्यान दिया जाए, तो नोटबंदी के बाद जारी किए गए 500 रुपये के नए नोट पर लाल किले की तस्वीर छपी हुई है. वहीं, 200 के नोट पर सांची स्तूप छपा हुआ है. 100 रुपये के नोट के पीछे रानी की वाव छपी है. 50 के पुराने नोट के पीछे संसद भवन की तस्वीर छपी थी, लेकिन नए नोट के पीछे हम्पी की फोटो छपी हुई है. 20 के नोट के पीछे एलोरा की गुफाएं और 10 के नोट के पीछे कोणार्क का मंदिर छपा हुआ है. हर नोट के पीछे आपको अलग चित्र छपा हुआ दिखेगा.