प्रधानमंत्री का ड्राइवर कौन होता है? जानें कैसे मिलती है ये नौकरी

पीएम का ड्राइवर बनना इतना आसान नहीं है. यहां तक पहुंचने के लिए काफी मुश्किल एग्जाम पास करना होता है. चलिए जानते हैं कैसे बनते हैं पीएम की गाड़ी का ड्राइवर.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री (Prime Minister) का ड्राइवर बनना काफी मुश्किल है. ये काम करना जितना आसान दिखता है, लेकिन यहां तक पहुंचना काफी मुश्किल है,  इसके लिए कठिन परीक्षा देनी होती है. क्योंकि पीएम की सुरक्षा की बात है, इसलिए पीएम का ड्राइवर बनने के लिए एक लंबा प्रोसेस है. चलिए जानते हैं पीएम का ड्राइवर बनने के लिए क्या-क्या करना होता है. 

प्रधानमंत्री का ड्राइवर कौन होता है?

प्रधानमंत्री की सुरक्षा और यात्रा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (Special Protection Group - SPG) की होती है. इसलिए, प्रधानमंत्री के काफिले में और सीधे तौर पर उनकी सुरक्षा गाड़ी (वाहन) चलाने वाले ड्राइवर SPG में अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा (IPS), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) से प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर आते हैं

ड्राइवर अक्सर अलग-अलग केंद्रीय सुरक्षा बलों या दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच से चुने जाते हैं, जिन्हें हाई-सिक्योरिटी ड्राइविंग और रक्षात्मक ड्राइविंग (Defensive Driving) एक्सपर्टिज होती है. ये कोई नॉर्मल 'ड्राइवर' की नौकरी नहीं होती. सुरक्षा-संचालन (Security Operation) का खास ध्यान होता है. 

यह नौकरी कैसे मिलती है?

इस पद पर नियुक्ति सीधी भर्ती (Direct Recruitment) से नहीं होती, बल्कि यह एक नहीं कई फेज से गुजरना होता है. सबसे पहले उम्मीदवार को किसी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) जैसे CRPF, CISF, BSF या राज्य पुलिस/दिल्ली पुलिस में शामिल होना पड़ता है. इसके बाद उम्मीदवारों को विशेष रूप से हाई-पावर, बुलेटप्रूफ वाहनों की ट्रेनिंग दी जाती है.उन्हें वाहन के यांत्रिकी और आपातकालीन मरम्मत का बुनियादी ज्ञान होना चाहिए. सुरक्षा प्रोटोकॉल और रूट प्लानिंग की गहरी समझ होनी चाहिए. 

प्रतिनियुक्ति (Deputation) के लिए चयन

SPG समय-समय पर अलग-अलग सुरक्षा बलों से अधिकारियों और स्टाफ को प्रतिनियुक्ति पर लेता है. चयनित उम्मीदवारों को SPG के तहत कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है. इसमें एंटी-स्किड ड्राइविंग, विभिन्न मौसमों में ड्राइविंग, तीव्र गति से एस्केप मैन्यूवर (Escape Manoeuvres) और वीआईपी सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल होते हैं.

सीकरेट सिक्योरिटी टेस्ट (Background Check)करना होता है. ड्राइवर को उच्चतम स्तर की सुरक्षा मंजूरी (Security Clearance) की जरूरत होती है. खुफिया एजेंसियां (Intelligence Agencies) उम्मीदवार और उसके पूरे परिवार के पिछले रिकॉर्ड की गहन और गोपनीय जांच करती हैं.

Advertisement

प्रधानमंत्री के काफिले में ड्यूटी

ट्रेनिंग और सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद ही, उन्हें प्रधानमंत्री के काफिले में ड्राइविंग ड्यूटी के लिए तैनात किया जाता है. उन्हें प्रधानमंत्री की सुरक्षा और आवाजाही के लिए निर्धारित विशेष, उच्च-सुरक्षित वाहनों को चलाने की अनुमति मिलती है.

ये भी पढ़ें-भारत के इन शहरों में जहरीली नहीं है हवा, दिल्ली से इतना कम है AQI

Featured Video Of The Day
West Bengal: बाबरी मस्जिद बनाने की बात करने वाले TMC सासंद Humayun Kabir सस्पेंड | Breaking