बिहार चुनाव के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बताया कि वो हाइड्रोजन बम लेकर आ रहे हैं, जिसके बाद वो सामने आए और उन्होंने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर कई खुलासे किए. राहुल गांधी ने इस दौरान ब्राजील की एक मॉडल की तस्वीर भी दिखाई, जिसकी फोटो का इस्तेमाल कर हरियाणा में 22 बार वोट डाला गया. उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा में लाखों फर्जी वोटर्स हैं. इसके बाद ब्राजील की इस मॉडल की तरफ से भी एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि ये उनकी काफी पुरानी तस्वीर है और वो ये देखकर काफी हैरान हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि ब्राजील में कैसे वोटर आईडी कार्ड बनते हैं और यहां के लोग वोट कैसे करते हैं.
ब्राजील में कैसे डाले जाते हैं वोट?
ब्राजील में 21 करोड़ से भी ज्यादा लोग रहते हैं. साउथ अमेरिका के इस सबसे बड़े देश में वोटिंग के लिए खास तरीके का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे भारत में आधार के लिए बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल होता है, ठीक उसी तरह ब्राजील में वोटिंग के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा करने से फर्जी वोटिंग के चांस काफी कम हो जाते हैं.
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ऐसे होती है वोटिंग
यहां वोटिंग ईवीएम जैसी मशीनों से ही करवाई जाती है, जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक बैलेट बॉक्स कहा जाता है. साल 2000 से यहां चुनावों को पूरी तरह से कंप्यूटराइज करने की इजाजत मिली थी. साल 2008 से यहां वोटर्स के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम की शुरुआत हुई, जिसके बाद 119 मिलियन वोटर्स के फिंगरप्रिंट रजिस्टर किए गए हैं.
कैसे बनते हैं वोटर आईडी कार्ड?
ब्राजील में फेडरल कॉन्स्टिट्यूशन 1988 के मुताबिक ब्राजील के मूल नागरिकों को वैकल्पिक रूप से 16 साल और अनिवार्य रूप से 18 साल की उम्र में वोटर रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवाना जरूरी होता है. यही वो दस्तावेज होता है, जिससे ये साबित होता है कि नागरिक किस इलेक्टोरल जोन में रजिस्टर हैं. वोटर रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाने के लिए चुनाव से 151 दिन पहले आवेदन करना होता है. इसके लिए पहचान पत्र, रोजगार कार्ड, मिलिट्री डिस्चार्ज सर्टिफिकेट और प्रूफ ऑफ रेजिडेंस जैसे दस्तावेज दिखाने होते हैं.














