Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के जीवन की कहानी किसी प्ररेणा से कम नहीं है. एक साधारण परिवार से नाता रखने वाले व्लादिमीर पुतिन का रूस के राष्ट्रपति बनने तक का सफर चुनौतियों भरा था. कानून और अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने वाले व्लादिमीर पुतिन ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन वो अपने देश के राष्ट्रपति बन जाएंगे. रूस की खुफिया एजेंसी कोमितेत गोसुदर्स्त्वेन्नोय बेज़ोप्स्नोस्ति (केजीबी) से जुड़ने के बाद व्लादिमीर पुतिन की किस्मत ही बदल गई. कई सालों तक केजीबी को सेवा देने के बाद उन्हें 1998 में इसका महानिदेशक बनाया गया.
पुतिन को राजनीति में लाने के पीछे सबसे बड़ा हाथ रूस के पूर्व राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन था. बोरिस येल्तसिन ने पुतिन को रूस का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. इस दौरान व्लादिमीर पुतिन ने बेहद शानदार काम किया और इसके चलते जब येल्तसिन के इस्तीफे के बाद पुतिन को आसानी से राष्ट्रपति का पद मिला गया.
रूसी की खुफिया एजेंसी में कैस होती है भर्ती
KGB को 3 दिसंबर 1991 को भंग कर दिया गया था और अब फेडरल सिक्योरिटी सर्विस रूस की मुख्य सिक्योरिटी एजेंसी है. सिर्फ़ रूसी नागरिक ही रशियन फ़ेडरल सिक्योरिटी सर्विस (FSB) में शामिल हो सकते हैं. जिन लोगों के पास एक से ज़्यादा नागरिकता है वो भी इसका हिस्सा नहीं बन सकते हैं. इतना ही नहीं जिनके करीबी रिश्तेदार विदेश में रहते हैं, या जिनके पास विदेश में प्रॉपर्टी है, उन्हें भी खुफिया एजेंसी एजेंट नहीं बनाया जाता है. इसके अलावा रूसी नागरिक की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए. उसपर कोई केस नहीं होना चाहिए.














