Bangladesh Hindu Population Decline: बांग्लादेश में पिछले कई महीनों से माहौल कुछ ठीक नहीं चल रहा है. शेख हसीना की सरकार को गिराने के बाद से ही यहां अंतरिम सरकार काम कर रही है, लेकिन प्रदर्शन और हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. युवा छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में एक बार फिर बवाल हुआ और हिंदुओं को निशाना बनाया गया. इसके बाद से ही बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी और उनकी सुरक्षा को लेकर लोग सवाल पूछने लगे. आज हम आपको बताएंगे कि बांग्लादेश में हिंदू आबादी में कितनी कमी आई है और कैसे ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं.
बांग्लादेश में कुल कितने हिंदू?
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि बांग्लादेश में हिंदू आबादी कितनी है. बांग्लादेश में 2022 में हुई जनगणना में बताया गया था कि यहां करीब 8 प्रतिशत हिंदू रहते हैं. हिंदुओं की कुल संख्या लगभग एक करोड़ 30 लाख बताई गई थी. कुछ प्रांतों में हिंदू आबादी काफी ज्यादा है. इनमें गोपालगंज, सिलहट और ठाकुरगंज जैसे इलाके शामिल हैं. हालांकि ये पिछले कई दशकों में लगातार कम हुई है, जिसका सबूत हर जनगणना में मिल जाता है.
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कितनी कम हुई हिंदू आबादी?
बांग्लादेश में अब तक कई बार जनगणना हुई है, जिसमें हिंदुओं की आबादी में गिरावट देखी गई है. 1947 के बाद जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था, तब बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान कहलाता था. इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान को 1971 में अलग देश के तौर पर पहचान मिलती है. इसी दौर में सबसे ज्यादा पलायन देखा गया और हिंदुओं की आबादी में काफी कमी आई. इसके बाद बांग्लादेश की पहली जनगणना 1974 में हुई, जिसमें हिंदुओं की आबादी 22 प्रतिशत से घटकर 13.5 प्रतिशत हो गई थी. इसके बाद ये सिलसिला लगातार जारी रहा और आज ये घटकर करीब 8 प्रतिशत तक हो चुकी है.
क्या था पलायन का कारण?
बांग्लादेश से हिंदुओं के पलायन का सबसे बड़ा कारण उन पर होने वाले अत्याचार, हिंसा और असुरक्षा की भावना है. पिछले तमाम दशकों में बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं के साथ कई तरह का भेदभाव हुआ और हिंसा की मार झेलनी पड़ी. अब एक बार फिर हिंदू विरोधी कैंपेन चल रहे हैं, ऐसे में बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो चुकी है.














